नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के दूसरे नंबर के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जे चेलमेश्वर ने सोमवार को हाई कोर्ट के जजों की स्थानांतरण नीति पर सवाल उठाते हुए बदलाव की जरूरत बताई है. उन्होंने कहा कि किसी स्थानीय जज को इसलिए उस राज्य के हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नहीं बनाया जाता कि वह स्थानीय मसलों से प्रभावित होगा. अगर यही आधार है, तो मुख्यमंत्रियों का भी ट्रांसफर होना चाहिए.
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि कोई भी चीफ जस्टिस मुख्यमंत्री से ज्यादा प्रभावशाली और खतरनाक तो नहीं हो सकता. जस्टिस चेलमेश्वर ने ‘अप्वाइंटमेंट ऑफ जजेज टू द सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया : ट्रांसपेरेंसी, एकाउंटेबिलिटी एंड इनडिपेन्डेंस’ किताब के विमोचन के अवसर पर कहा कि मुङो आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस बनाया जाता तो मेरे हर फैसले का आकलन मेरी पृष्ठभूमि, जाति व स्थानीय संपर्को से जोड़कर होता. लेकिन केरल में ये मसले बेमतलब थे. इसके पीछे सोच है कि चीफ जस्टिस स्थानीय होगा तो स्थानीय मुद्दों से प्रभावित होगा, पर बाहरी चीफ जस्टिस प्रभावित नहीं होगा यह कैसे कह सकते हैं? यह तो इस पर निर्भर करेगा कि उसके पुलिस से संपर्क कैसे हैं या स्थानीय मसलों में समझ कैसी है?
जस्टिस चेलमेश्वर ने हाई कोर्ट जजों को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत के लिए वरिष्ठता तय करने का मुद्दा भी उठाया. कहा कि वरिष्ठता अखिल भारतीय आधार पर देखेंगे या उस हाई कोर्ट के हिसाब से. सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नति में हर राज्य के प्रतिनिधित्व का अनकहा नियम चल रहा है. एक हाई कोर्ट के कई जज मुख्य न्यायाधीश बने होते हैं. उनमें वरिष्ठता कैसे तय होगी. उन्होंने कोलेजियम व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने की बात कही. हालांकि, कहा कि कोलेजियम ने उम्मीदवारों से साक्षात्कार की नई शुरुआत की है. जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हाई कोर्ट के फैसले सही नहीं होते. सुप्रीम कोर्ट के ऊपर भी कोई अपीलीय अदालत होती, तो शायद आधे फैसले पलट दिए जाते, क्योंकि राय में अंतर होता है.
सुहेल सिद्दीकी,लखनऊ
Edited by....सचिन श्रीवास्तव
11-04-2018
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि कोई भी चीफ जस्टिस मुख्यमंत्री से ज्यादा प्रभावशाली और खतरनाक तो नहीं हो सकता. जस्टिस चेलमेश्वर ने ‘अप्वाइंटमेंट ऑफ जजेज टू द सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया : ट्रांसपेरेंसी, एकाउंटेबिलिटी एंड इनडिपेन्डेंस’ किताब के विमोचन के अवसर पर कहा कि मुङो आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस बनाया जाता तो मेरे हर फैसले का आकलन मेरी पृष्ठभूमि, जाति व स्थानीय संपर्को से जोड़कर होता. लेकिन केरल में ये मसले बेमतलब थे. इसके पीछे सोच है कि चीफ जस्टिस स्थानीय होगा तो स्थानीय मुद्दों से प्रभावित होगा, पर बाहरी चीफ जस्टिस प्रभावित नहीं होगा यह कैसे कह सकते हैं? यह तो इस पर निर्भर करेगा कि उसके पुलिस से संपर्क कैसे हैं या स्थानीय मसलों में समझ कैसी है?
जस्टिस चेलमेश्वर ने हाई कोर्ट जजों को सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नत के लिए वरिष्ठता तय करने का मुद्दा भी उठाया. कहा कि वरिष्ठता अखिल भारतीय आधार पर देखेंगे या उस हाई कोर्ट के हिसाब से. सुप्रीम कोर्ट प्रोन्नति में हर राज्य के प्रतिनिधित्व का अनकहा नियम चल रहा है. एक हाई कोर्ट के कई जज मुख्य न्यायाधीश बने होते हैं. उनमें वरिष्ठता कैसे तय होगी. उन्होंने कोलेजियम व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने की बात कही. हालांकि, कहा कि कोलेजियम ने उम्मीदवारों से साक्षात्कार की नई शुरुआत की है. जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हाई कोर्ट के फैसले सही नहीं होते. सुप्रीम कोर्ट के ऊपर भी कोई अपीलीय अदालत होती, तो शायद आधे फैसले पलट दिए जाते, क्योंकि राय में अंतर होता है.
सुहेल सिद्दीकी,लखनऊ
Edited by....सचिन श्रीवास्तव
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