मगहर (संतकबीरनगर) 28 जून , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि सतंकबीरदास की कर्मभूमि मगहर को अन्र्तराष्ट्रीय मानचित्र मे सदभाव और समरसता केन्द्र के रूप मे विकसित किया जायेगा।
केन्द्र सरकार द्धारा इसके लिए तेजी से प्रयास शुरू किया जायेगा,सतंकबीरदास ने जिस तरह मगहर को अभिशाप से मुक्त किया, उसी तरह हमारी सरकार का प्रयास देश की एक-एक जमीन को विकास की धारा से जोड़ने का है, पूरी दुनिया मगहर को संतकबीर की निर्वाण भूमि के रूप में जानती है लेकिन आजादी के इतने वर्ष बाद यहां कि स्थिति वैसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए थी।
आज यहां प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने संतकबीर दास के 620वें प्रकटोत्सव तथा उनके 500 वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के अवसर पर 24 करोड़ रूपये की लागत से तीन एकड़ मे बनने वाली संतकबीर अकादमी का शिलान्यास करने के साथ ही उन्होने संतकबीरदास की मजार पर चादर चढ़ाई और सद्गुरू कबीर समाधि पर फूल माला चढ़ाया।इस मौके पर महन्थ विचारदास ने उन्हें विस्तार से जानकारी प्रदान किया।
आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि समाज मे फैली असमानता को दूर करने के लिए महापुरूषो ने अपने-अपने तरीके से प्रयास किया।संतकबीरदास के बाद संत रबिदास आये,महात्मा फूले,महात्मागांधी,बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जैसे महापुरूषो ने समाज मे फैली असमानता को दूर करने के लिए अपने-अपने तरीके से प्रयास किया और समाज को नई दिशा प्रदान किया।
उन्होने कहा कि वर्तमान समय मे कुछ राजनीतिक दल महापुरूषो के नाम पर स्वार्थ की राजनीति कर रहे है और समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे है इन दलो का प्रयास है कि समाज मे शांति और विकास की जगह अशांति पैदा हो जाये।कलह और अशांति पैदा करने वाले सोचते है कि असन्तोष और अशांति की वातावरण मे उनको राजनीतिक लाभ मिलेगा।
लेकिन सच्चाई यह भी है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं।इन्हें अंदाजा ही नहीं है कि संत कबीर, महात्मा गांधी और बाबा साहेब को मानने वाले हमारे देश का मूल स्वभाव क्या है। कबीर कहते थे कि अपने भीतर झांकों तो सत्य मिलेगा लेकिन इन्होंने कबीर को कभी गंभीरता से पढ़ा ही नहीं,ऐसे दलों और उनके नेताओं का जनता एवं समाज के विकास पर नहीं बल्कि अपने आलीशान बंगले पर मन लगा हुआ है। दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 45 साल हुए थे। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय उसका विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी झपटने की फिराक में घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे दलों को देश नहीं, समाज नहीं सिर्फ अपने और अपने परिवार के हित की चिन्ता है। श्गरीब, वंचित, शोषित, दलित, पिछड़ों को धोखा देकर अपने लिए करोड़ों के बंगले बनाने वाले भाइयों और रिश्तेदारों को करोड़ों अरबों की संपत्ति का मालिक बनाने वाले ऐसे लोगों से उत्तर प्रदेश ओर देश की जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होने कहा कि आपने तीन तलाक के विषय में इन लोगों का रवैया देखा है। देश भर में मुस्लिम समाज की बहनें आज तमाम धमकियों की परवाह ना करते हुए तीन तलाक हटाने की लगातार मांग कर रही हैं। लेकिन ये राजनीतिक दल, सत्ता पाने के लिए वोट बैंक का खेल खेलने वाले लोग संसद में तीन तलाक बिल पारित होने में रोडे अटका रहे हैं। ये लोग अपने हित के लिए समाज को हमेशा कमजोर रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का अफसोस है कि आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्यविधाता समझ कबीर की बातों को पूरी तरह नकारने में लगे हैं। वे भूल गये हैं कि हमारे संघर्ष और आदर्श की बुनियाद कबीर जैसे महापुरूष हैं। मोदी बोले, कबीर ने रूढियों पर सीधा प्रहार किया था। मनुष्य मनुष्य में भेद करने वाली हर व्यवस्था को चुनौती दी थी। दबा कुचला वंचित शोषण का शिकार कबीर उसे सशक्त बनाना चाहते थे।
वो उसे याचक बनाकर नहीं रखना चाहते थे। कबीर खुद श्रमजीवी थे। वह श्रम का माहात्म्य समझते थे लेकिन आजादी के इतने वर्षों तक हमारे नीति निर्माताओं ने कबीर के इस दर्शन को नहीं समझा। गरीबी हटाने के नाम पर वो गरीबों के वोट बैंक की सियासत पर आश्रित करते रहे। बीते चार वर्ष में हमने इस रीति नीति को बदलने का भरसक प्रयास किया है। हमारी सरकार गरीब दलित पीडघ्ति शोषित वंचित महिलाओं को, नौजवानों को सशक्त करने की राह पर चल रही है।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कबीर के कालखंड में मगहर को उसर और अभिशप्त माना गया था, उसी प्रकार आजादी के इतने वर्ष तक देश के कुछ ही हिस्सों तक विकास की रोशनी पहुंच पायी है। एक बहुत बड़ा हिस्सा अलग-थलग महसूस कर रहा था।
समारोह को उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बोधित करते हुए प्रधानमन्त्री का स्वागत किया और कहा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से पूर्वांचल के विकास को गति मिल रहा है खाद कारखाना,एम्स की स्थापना,दो चीनी मीलो की स्थापना,8 हजार करोड़ रूपया गन्ना किसानो के लिए प्रदान किया गया है।प्रदेश मे प्रधानमन्त्री आवास योजना,शौचालय निर्माण,रसोई गैस कनेक्शन के मामले मे उत्तर प्रदेश ने देश मे प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ द्धारा प्रधानमन्त्री को संतकबीरदास का चित्र स्मृति चिन्ह के रूप मे प्रदान किया गया।
समारोह को भारत सरकार के संस्कृति मंत्री डा0 महेश शर्मा ने सम्बोधित किया। प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्री लक्ष्मीनारायण चैधरी ने सभी का स्वागत किया। संत कबीरनगर के सांसद शरद त्रिपाठी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर भारत सरकार के वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, सांसद डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, ससंद सदस्य जगदम्बिका पाल,हरीश द्धिवेदी,पंकज चैधरी,रविन्द्र कुशवाहा,कलराज मिश्र के अलावा मुख्य सचिव राजीव कुमार, बस्ती एवं गोरखपुर मण्डल के विधायक, जन प्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, तथा भारी सख्ंया मे भारतीय जनता पार्टी के नेता,कार्यकर्ता और जनसामान्य गण उपस्थित रहे।
केन्द्र सरकार द्धारा इसके लिए तेजी से प्रयास शुरू किया जायेगा,सतंकबीरदास ने जिस तरह मगहर को अभिशाप से मुक्त किया, उसी तरह हमारी सरकार का प्रयास देश की एक-एक जमीन को विकास की धारा से जोड़ने का है, पूरी दुनिया मगहर को संतकबीर की निर्वाण भूमि के रूप में जानती है लेकिन आजादी के इतने वर्ष बाद यहां कि स्थिति वैसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए थी।
आज यहां प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने संतकबीर दास के 620वें प्रकटोत्सव तथा उनके 500 वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह के अवसर पर 24 करोड़ रूपये की लागत से तीन एकड़ मे बनने वाली संतकबीर अकादमी का शिलान्यास करने के साथ ही उन्होने संतकबीरदास की मजार पर चादर चढ़ाई और सद्गुरू कबीर समाधि पर फूल माला चढ़ाया।इस मौके पर महन्थ विचारदास ने उन्हें विस्तार से जानकारी प्रदान किया।
आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि समाज मे फैली असमानता को दूर करने के लिए महापुरूषो ने अपने-अपने तरीके से प्रयास किया।संतकबीरदास के बाद संत रबिदास आये,महात्मा फूले,महात्मागांधी,बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जैसे महापुरूषो ने समाज मे फैली असमानता को दूर करने के लिए अपने-अपने तरीके से प्रयास किया और समाज को नई दिशा प्रदान किया।
उन्होने कहा कि वर्तमान समय मे कुछ राजनीतिक दल महापुरूषो के नाम पर स्वार्थ की राजनीति कर रहे है और समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे है इन दलो का प्रयास है कि समाज मे शांति और विकास की जगह अशांति पैदा हो जाये।कलह और अशांति पैदा करने वाले सोचते है कि असन्तोष और अशांति की वातावरण मे उनको राजनीतिक लाभ मिलेगा।
लेकिन सच्चाई यह भी है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं।इन्हें अंदाजा ही नहीं है कि संत कबीर, महात्मा गांधी और बाबा साहेब को मानने वाले हमारे देश का मूल स्वभाव क्या है। कबीर कहते थे कि अपने भीतर झांकों तो सत्य मिलेगा लेकिन इन्होंने कबीर को कभी गंभीरता से पढ़ा ही नहीं,ऐसे दलों और उनके नेताओं का जनता एवं समाज के विकास पर नहीं बल्कि अपने आलीशान बंगले पर मन लगा हुआ है। दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 45 साल हुए थे। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय उसका विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी झपटने की फिराक में घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे दलों को देश नहीं, समाज नहीं सिर्फ अपने और अपने परिवार के हित की चिन्ता है। श्गरीब, वंचित, शोषित, दलित, पिछड़ों को धोखा देकर अपने लिए करोड़ों के बंगले बनाने वाले भाइयों और रिश्तेदारों को करोड़ों अरबों की संपत्ति का मालिक बनाने वाले ऐसे लोगों से उत्तर प्रदेश ओर देश की जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।
उन्होने कहा कि आपने तीन तलाक के विषय में इन लोगों का रवैया देखा है। देश भर में मुस्लिम समाज की बहनें आज तमाम धमकियों की परवाह ना करते हुए तीन तलाक हटाने की लगातार मांग कर रही हैं। लेकिन ये राजनीतिक दल, सत्ता पाने के लिए वोट बैंक का खेल खेलने वाले लोग संसद में तीन तलाक बिल पारित होने में रोडे अटका रहे हैं। ये लोग अपने हित के लिए समाज को हमेशा कमजोर रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बात का अफसोस है कि आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्यविधाता समझ कबीर की बातों को पूरी तरह नकारने में लगे हैं। वे भूल गये हैं कि हमारे संघर्ष और आदर्श की बुनियाद कबीर जैसे महापुरूष हैं। मोदी बोले, कबीर ने रूढियों पर सीधा प्रहार किया था। मनुष्य मनुष्य में भेद करने वाली हर व्यवस्था को चुनौती दी थी। दबा कुचला वंचित शोषण का शिकार कबीर उसे सशक्त बनाना चाहते थे।
वो उसे याचक बनाकर नहीं रखना चाहते थे। कबीर खुद श्रमजीवी थे। वह श्रम का माहात्म्य समझते थे लेकिन आजादी के इतने वर्षों तक हमारे नीति निर्माताओं ने कबीर के इस दर्शन को नहीं समझा। गरीबी हटाने के नाम पर वो गरीबों के वोट बैंक की सियासत पर आश्रित करते रहे। बीते चार वर्ष में हमने इस रीति नीति को बदलने का भरसक प्रयास किया है। हमारी सरकार गरीब दलित पीडघ्ति शोषित वंचित महिलाओं को, नौजवानों को सशक्त करने की राह पर चल रही है।उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कबीर के कालखंड में मगहर को उसर और अभिशप्त माना गया था, उसी प्रकार आजादी के इतने वर्ष तक देश के कुछ ही हिस्सों तक विकास की रोशनी पहुंच पायी है। एक बहुत बड़ा हिस्सा अलग-थलग महसूस कर रहा था।
समारोह को उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बोधित करते हुए प्रधानमन्त्री का स्वागत किया और कहा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से पूर्वांचल के विकास को गति मिल रहा है खाद कारखाना,एम्स की स्थापना,दो चीनी मीलो की स्थापना,8 हजार करोड़ रूपया गन्ना किसानो के लिए प्रदान किया गया है।प्रदेश मे प्रधानमन्त्री आवास योजना,शौचालय निर्माण,रसोई गैस कनेक्शन के मामले मे उत्तर प्रदेश ने देश मे प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ द्धारा प्रधानमन्त्री को संतकबीरदास का चित्र स्मृति चिन्ह के रूप मे प्रदान किया गया।
समारोह को भारत सरकार के संस्कृति मंत्री डा0 महेश शर्मा ने सम्बोधित किया। प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्री लक्ष्मीनारायण चैधरी ने सभी का स्वागत किया। संत कबीरनगर के सांसद शरद त्रिपाठी ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर भारत सरकार के वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, प्रदेश की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, सांसद डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय, ससंद सदस्य जगदम्बिका पाल,हरीश द्धिवेदी,पंकज चैधरी,रविन्द्र कुशवाहा,कलराज मिश्र के अलावा मुख्य सचिव राजीव कुमार, बस्ती एवं गोरखपुर मण्डल के विधायक, जन प्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, तथा भारी सख्ंया मे भारतीय जनता पार्टी के नेता,कार्यकर्ता और जनसामान्य गण उपस्थित रहे।
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