लखनऊ: मथुरा में शिक्षकों की अनिमियत भर्ती मामले में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार सिंह को निलम्बित कर दिया गया है। कानपुर मंडल के संयुक्त शिक्षा निदेशक को जांच अधिकारी बनाया गया है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव देव प्रताप सिंह ने आदेश जारी कर दिया है।
मथुरा में 12,460 शिक्षक भर्ती मामले में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। यहां 216 पदों में से 185 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे। इनमें से 25 अभ्यर्थी डीएडधारक थे जो चयन के लिए पात्र ही नहीं थे। वहीं 7 अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने मथुरा से प्रशिक्षण नहीं लिया था। वहीं 2013 से चल रही 29,334 जूनियर शिक्षक भर्ती में 257 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इनमें से 41 अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया था। परिषद ने ऐसे अभ्यर्थियों को अंतिम मौका देते हुए 19 दिसम्बर, 2017 तक कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए।
इसके बाद मथुरा बीएसए ने 13 दिसम्बर को विज्ञापन प्रकाशित किया। इस विज्ञापन के बाद 108 अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण किया जबकि केवल 41 अभ्यर्थी ही ऐसे थे जिन्होंने पहले कार्यभार ग्रहण नहीं किया था। किसी भी अभ्यर्थी ने नियमानुसार अपने मूल प्रमाणपत्र बीएसए कार्यालय में नहीं जमा कराए। खण्ड शिक्षा अधिकारियों के लिखित आदेश के बिना स्कूलों में अध्यापकों ने कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने की अंतिम तिथि 19 दिसम्बर, 2017 थी लेकिन मई, 2018 तक कार्यभार ग्रहण कराए गए। वहीं बीएसए और खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने पूछे जाने पर अनभिज्ञता जाहिर की। इन 108 अध्यापकों के कार्यभार ग्रहण करने संबंधी रजिस्टर भी गायब है। शिकायतें मिलने के बाद भी बीएसए ने कोई र्कारवाई नहीं की।
राकेश श्रीवास्तव भी निलम्बित
सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय में विशेषज्ञ राकेश कुमार श्रीवास्तव को निलम्बित कर दिया गया है। राकेश श्रीवास्तव पर 2018-19 वार्षिक कार्ययोजना मानकों के अनुरूप न बनाने, अधीनस्थों से दुर्व्यवहार करने और समन्वय न बैठा पाने का आरोप है। संयुक्त शिक्षा निदेशक को जांच अधिकारी बनाया गया है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
मथुरा में 12,460 शिक्षक भर्ती मामले में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। यहां 216 पदों में से 185 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे। इनमें से 25 अभ्यर्थी डीएडधारक थे जो चयन के लिए पात्र ही नहीं थे। वहीं 7 अभ्यर्थी ऐसे थे जिन्होंने मथुरा से प्रशिक्षण नहीं लिया था। वहीं 2013 से चल रही 29,334 जूनियर शिक्षक भर्ती में 257 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। इनमें से 41 अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया था। परिषद ने ऐसे अभ्यर्थियों को अंतिम मौका देते हुए 19 दिसम्बर, 2017 तक कार्यभार ग्रहण कराने के निर्देश दिए।
इसके बाद मथुरा बीएसए ने 13 दिसम्बर को विज्ञापन प्रकाशित किया। इस विज्ञापन के बाद 108 अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण किया जबकि केवल 41 अभ्यर्थी ही ऐसे थे जिन्होंने पहले कार्यभार ग्रहण नहीं किया था। किसी भी अभ्यर्थी ने नियमानुसार अपने मूल प्रमाणपत्र बीएसए कार्यालय में नहीं जमा कराए। खण्ड शिक्षा अधिकारियों के लिखित आदेश के बिना स्कूलों में अध्यापकों ने कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने की अंतिम तिथि 19 दिसम्बर, 2017 थी लेकिन मई, 2018 तक कार्यभार ग्रहण कराए गए। वहीं बीएसए और खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने पूछे जाने पर अनभिज्ञता जाहिर की। इन 108 अध्यापकों के कार्यभार ग्रहण करने संबंधी रजिस्टर भी गायब है। शिकायतें मिलने के बाद भी बीएसए ने कोई र्कारवाई नहीं की।
राकेश श्रीवास्तव भी निलम्बित
सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय में विशेषज्ञ राकेश कुमार श्रीवास्तव को निलम्बित कर दिया गया है। राकेश श्रीवास्तव पर 2018-19 वार्षिक कार्ययोजना मानकों के अनुरूप न बनाने, अधीनस्थों से दुर्व्यवहार करने और समन्वय न बैठा पाने का आरोप है। संयुक्त शिक्षा निदेशक को जांच अधिकारी बनाया गया है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.