मुंबई। देशभर में एटीएम को 100 रुपए के नये नोट के अनुरूप बनाने में 100 करोड़ रुपए खर्च करने की जरूरत होगी। एटीएम परिचालन उद्योग ने यह जानकारी दी। देशभर में करीब 2.40 लाख एटीएम मशीनें हैं। एटीएम परिचालकों के संगठन सीएटीएमआई ने कहा कि 100 रुपए के नये नोट से कई चुनौतियां सामने आएंगी। उन्होंने कहा कि 200 रुपए के नए नोट के लिए एटीएम मशीनों को अनुकूल बनाने का काम अभी पूरा भी नहीं हो पाया है।
सीएटीएमआई के निदेशक तथा एफएसएस के अध्यक्ष वी. बालासुब्रमण्यम ने कहा कि हमें एटीएम मशीनों को 100 रुपए के नए नोटों के अनुकूल बनाना होगा। देश भर में हमें 2.4 लाख एटीएम मशीनों को इनके अनुकूल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि 100 रुपए के पुराने तथा नए दोनों तरह के नोटों का एक साथ प्रचलन में रहना कई चुनौतियों को जन्म देगा।
हिताची पेमेंट सर्विसेज के प्रबंध निदेशक लोनी एंटोनी ने कहा कि 100 रुपए के नये नोट के हिसाब से एटीएम मशीनों को अनुकूल बनाने में 12 महीने लगेंगे तथा इसपर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि अभी सभी एटीएम मशीनों को नये नोट के अनुकूल नहीं बनाया जा सका है, यदि समुचित तरीके से योजना नहीं बनाई गई तो उन्हें 100 रुपए के नए नोटों के अनुकूल बनाने में अधिक समय लगेगा।
सीएटीएमआई के निदेशक तथा एफएसएस के अध्यक्ष वी. बालासुब्रमण्यम ने कहा कि हमें एटीएम मशीनों को 100 रुपए के नए नोटों के अनुकूल बनाना होगा। देश भर में हमें 2.4 लाख एटीएम मशीनों को इनके अनुकूल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि 100 रुपए के पुराने तथा नए दोनों तरह के नोटों का एक साथ प्रचलन में रहना कई चुनौतियों को जन्म देगा।
हिताची पेमेंट सर्विसेज के प्रबंध निदेशक लोनी एंटोनी ने कहा कि 100 रुपए के नये नोट के हिसाब से एटीएम मशीनों को अनुकूल बनाने में 12 महीने लगेंगे तथा इसपर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि अभी सभी एटीएम मशीनों को नये नोट के अनुकूल नहीं बनाया जा सका है, यदि समुचित तरीके से योजना नहीं बनाई गई तो उन्हें 100 रुपए के नए नोटों के अनुकूल बनाने में अधिक समय लगेगा।
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