नई दिल्ली. बीते कुछ दिनों से किसानों की नाराजगी को लेकर मोदी सरकार की चिंताएं बढ़ी हुई थीं. चिंता इस बात की भी थी कि यह चुनावी वर्ष है और मोदी और अमित शाह की कोशिश एक बार फिर दिल्ली फतेह करने की है.
मोदी सरकार ने अपने इस मिशन के तहत एक बड़ा दांव चल दिया है. किसानों की मांग को देखते हुए सरकार ने उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर डेढ़ गुना कर दिया है. बुधवार को मोदी कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर भी लगा दी है. लागत के मुकाबले दो सौ रुपये की बढ़ोतरी बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में धान के लिए डेढ़ गुना से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य दो सौ रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है. धान पर आने वाली लागत को देखते हुए दो सौ रुपये का यह इजाफा किया गया है. अभी तक धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति क्विंटल था. इनका इतना बढ़ा न्यूनतम समर्थन मूल्य मोदी कैबिनेट ने बैठक के दौरान हाइब्रिड ज्वार के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 73 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है. वहीं बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 525 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है. मूंग का 1400 रुपए/क्विंटल, मक्के का एमएसपी 275 रुपए/क्विंटल, मूंगफली का एमएसपी में 440 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 349 रुपये, उड़द में दो सौ रुपये और तुअर दाल के एमएसपी में 225 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है. रागी की एमएसपी में 997 रुपए/क्विंटल और सूरजमुखी का एमएसपी 1288 रुपए/क्विंटल की बढ़ाया गया है. एमएसपी का यह है फॉर्मूला मोदी सरकार किसानों को उनकी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है. इसके तहत ए2 + एफएल फॉर्मूला अपनाया जाएगा. ए2 + एफएल फॉर्मूले के तहत फसल की बुआई पर होने वाले कुल खर्च और परिवार के सदस्यों की मजदूरी शामिल होगी. फिलहाल, बाजरा, उड़द, अरहर जैसे कुछ फसलों के लिए ये फॉर्मूला लागू है.
मोदी सरकार ने अपने इस मिशन के तहत एक बड़ा दांव चल दिया है. किसानों की मांग को देखते हुए सरकार ने उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर डेढ़ गुना कर दिया है. बुधवार को मोदी कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर भी लगा दी है. लागत के मुकाबले दो सौ रुपये की बढ़ोतरी बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में धान के लिए डेढ़ गुना से ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य दो सौ रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है. धान पर आने वाली लागत को देखते हुए दो सौ रुपये का यह इजाफा किया गया है. अभी तक धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 1550 रुपए प्रति क्विंटल था. इनका इतना बढ़ा न्यूनतम समर्थन मूल्य मोदी कैबिनेट ने बैठक के दौरान हाइब्रिड ज्वार के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 73 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया है. वहीं बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 525 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है. मूंग का 1400 रुपए/क्विंटल, मक्के का एमएसपी 275 रुपए/क्विंटल, मूंगफली का एमएसपी में 440 रुपए/क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 349 रुपये, उड़द में दो सौ रुपये और तुअर दाल के एमएसपी में 225 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है. रागी की एमएसपी में 997 रुपए/क्विंटल और सूरजमुखी का एमएसपी 1288 रुपए/क्विंटल की बढ़ाया गया है. एमएसपी का यह है फॉर्मूला मोदी सरकार किसानों को उनकी उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है. इसके तहत ए2 + एफएल फॉर्मूला अपनाया जाएगा. ए2 + एफएल फॉर्मूले के तहत फसल की बुआई पर होने वाले कुल खर्च और परिवार के सदस्यों की मजदूरी शामिल होगी. फिलहाल, बाजरा, उड़द, अरहर जैसे कुछ फसलों के लिए ये फॉर्मूला लागू है.
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.