नई दिल्ली: आसमान से आफत के तौर पर बरस रहा पानी वैसे तो हिंदुस्तान के कई राज्यों में तबाही मचा रहा है लेकिन गुजरात में ये सैलाब सबसे ज़्यादा सितम ढा रहा है। चिंता की बात ये है कि गुज़रते वक़्त के साथ भी राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है। यहां सैलाब की शक्ल में बाढ़ का पानी नदी-नालों की सरहद तोड़कर शहरों और गांवों में दाखिल हो चुका है। जामनगर में बारिश और बाढ़ ने ऐसा रूप अख्तियार किया है कि हर ओर हाहाकार मचा है। सड़कों का नामोनिशान तक नहीं है।
इतना ही नहीं, जामनगर के कानालूस जंक्शन में तो रेलवे ट्रैक इस कदर लबालब हैं कि ट्रेनों की आवाजाही तक ठप हो गई है। सैलाब की रफ्तार इतनी तेज़ थी कि ट्रैक के नीचे की मिट्टी तक बह गई। पोरबंदर जिले में भी आसमान से बरस रही आफत ने लोगों को मंझधार में फंसा दिया है। यहां भी सड़कों पर सैलाब है और दुकान मकान से लेकर इंसान तक डूबे हैं। सड़कों पर फंसी गाड़ियां भी पानी में समा चुकी हैं। आसमानी आफत का आलम ये है कि जिले के कई गांवों और तालुकों में कमर तक पानी भरा है।
अलग अलग ज़िलों के डैम उफान भर रहे हैं और ये पानी निचले इलाक़ों के लिए मुसीबत बन चुका हैं लेकिन मौसम विभाग की मानें तो गुजरात की मुसीबतें अभी ख़त्म होने वाली नहीं है। विभाग के मुताबिक गुजरात में अगले 48 घंटे भारी बारिश जारी रहने की आशंका है। बाढ़-बारिश की चपेट में आकर पूरे गुजरात में अबतक 30 लोगों के मरने की खबर है।
भारी बारिश और बाढ़ से बर्बादी सिर्फ गुजरात तक नहीं है। मध्य प्रदेश में भी ये सैलाब लोगों के लिए काल का दूसरा नाम बनता जा रहा है। मध्य प्रदेश के कई ज़िले पानी पानी है और इन्हीं उफनती लहरों में कई लोग ज़िंदगी की जंग लड़ते दिखे तो कुछ ज़िंदगी की ये लड़ाई हार भी गए लेकिन मुसीबत अभी ख़त्म नहीं हुई है। मध्य प्रदेश के कुछ ज़िलों में मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
भारी बारिश ने पहाड़ों पर भी कहर ढा रही है। इसकी तस्वीर हिमाचल के शिमला में भी देखने को मिली जहां दरकते पहाड़ बुधवार को 5 मज़दूरों के लिए मुसीबत बन गए। जब सभी मज़दूर नेशनल हाईवे 5 पर काम कर रहे थे तभी खिसकती चट्टानें मलबा बनकर नीचें गिरीं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली में भी भारी बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है। बारिश के चलते बरां इलाक़े में ऐसा सैलाब आया कि सड़कें तक बह गईं और कुछ गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ गईं। इसके बाद सुरक्षा के मद्देनज़र NH-3 को बंद कर दिया गया।
इस वक़्त देश के क़रीब 16 राज्यों में बारिश और बाढ़ का कहर है। तबाही गुजरात से असम और केरल से कर्नाटक तक दिख रही है। इन मुश्किल हालात में केंद्र ने भी भरोसा दिया है कि वो बाढ़ प्रभावित राज्यों के साथ हैं। यानी इस विनाशलीला से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर राहव और बचाव काम किए जा रहे हैं लेकिन कुदरत का ये कहर कब थमेगा ये हर किसी को इंतज़ार है।
इतना ही नहीं, जामनगर के कानालूस जंक्शन में तो रेलवे ट्रैक इस कदर लबालब हैं कि ट्रेनों की आवाजाही तक ठप हो गई है। सैलाब की रफ्तार इतनी तेज़ थी कि ट्रैक के नीचे की मिट्टी तक बह गई। पोरबंदर जिले में भी आसमान से बरस रही आफत ने लोगों को मंझधार में फंसा दिया है। यहां भी सड़कों पर सैलाब है और दुकान मकान से लेकर इंसान तक डूबे हैं। सड़कों पर फंसी गाड़ियां भी पानी में समा चुकी हैं। आसमानी आफत का आलम ये है कि जिले के कई गांवों और तालुकों में कमर तक पानी भरा है।
अलग अलग ज़िलों के डैम उफान भर रहे हैं और ये पानी निचले इलाक़ों के लिए मुसीबत बन चुका हैं लेकिन मौसम विभाग की मानें तो गुजरात की मुसीबतें अभी ख़त्म होने वाली नहीं है। विभाग के मुताबिक गुजरात में अगले 48 घंटे भारी बारिश जारी रहने की आशंका है। बाढ़-बारिश की चपेट में आकर पूरे गुजरात में अबतक 30 लोगों के मरने की खबर है।
भारी बारिश और बाढ़ से बर्बादी सिर्फ गुजरात तक नहीं है। मध्य प्रदेश में भी ये सैलाब लोगों के लिए काल का दूसरा नाम बनता जा रहा है। मध्य प्रदेश के कई ज़िले पानी पानी है और इन्हीं उफनती लहरों में कई लोग ज़िंदगी की जंग लड़ते दिखे तो कुछ ज़िंदगी की ये लड़ाई हार भी गए लेकिन मुसीबत अभी ख़त्म नहीं हुई है। मध्य प्रदेश के कुछ ज़िलों में मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
भारी बारिश ने पहाड़ों पर भी कहर ढा रही है। इसकी तस्वीर हिमाचल के शिमला में भी देखने को मिली जहां दरकते पहाड़ बुधवार को 5 मज़दूरों के लिए मुसीबत बन गए। जब सभी मज़दूर नेशनल हाईवे 5 पर काम कर रहे थे तभी खिसकती चट्टानें मलबा बनकर नीचें गिरीं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली में भी भारी बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है। बारिश के चलते बरां इलाक़े में ऐसा सैलाब आया कि सड़कें तक बह गईं और कुछ गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ गईं। इसके बाद सुरक्षा के मद्देनज़र NH-3 को बंद कर दिया गया।
इस वक़्त देश के क़रीब 16 राज्यों में बारिश और बाढ़ का कहर है। तबाही गुजरात से असम और केरल से कर्नाटक तक दिख रही है। इन मुश्किल हालात में केंद्र ने भी भरोसा दिया है कि वो बाढ़ प्रभावित राज्यों के साथ हैं। यानी इस विनाशलीला से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर राहव और बचाव काम किए जा रहे हैं लेकिन कुदरत का ये कहर कब थमेगा ये हर किसी को इंतज़ार है।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.