राज्यसभा में पास हो चुके भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक-2008 बिल को लोकसभा से भी मंजूरी मिल गई है । जिसके मुताबिक रिश्वत लेने वाले के साथ-साथ रिश्वत देने वाले को सात साल जेल या जुर्माना या फिर दोनों सजा देने का प्रावधान किया गया है ।
विधेयक में रिश्वत लेने वाले के लिए कम से कम तीन साल और ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है। लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हुए भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) विधेयक-2008 बिल को पारित कर दिया गया ।
संशोधन बिल में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को दो साल के अंदर ही निपटाना होगा. बताया जाता है ,कि 1988 के भ्रष्टाचार निवारण कानून में संशोधन कर नया बिल पेश किया गया है । राज्य सभा में एक सप्ताह पहले ही इस बिल को मंजूरी मिल गई थी. विधेयक में सरकारी कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का मामला शुरू करने से पहले लोकपाल और राज्य के लोकायुक्त की अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है । ।
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