*जन्मदिन🎂 विशेष-अपनी 🏏बल्लेबाजी से दुनिया 🌍को बनाया मुरीद*
अपने समय के सबसे सफल और सदाबहार बल्लेबाजों में से एक सुनील गावस्कर पहले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने क्रिकेट में दस हजार रन बनाए। 1971-87 के दौरान गावस्कर को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता था। क्रिकेट वर्ल्ड में सबसे पहले 'लिटिल मास्टर' की उपाधि गावस्कर को ही मिली थी। सुनील गावस्कर को उनके छोटे कद के लिए क्रिकेट का 'नेपोलियन' भी कहा जाता है। उन्होंने तेज़ गेंदबाजी के प्रति भारतीय खिलाड़ी के रवैये को बदला। उनके जन्मदिन पर आज हम लाए हैं गावस्कर से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य।
🔷 सनी का जन्म 10 जुलाई 1949 को मुम्बई में हुआ था। जन्म के बाद एक नर्स ने उन्हें गलती से एक मछुआरिन के पास लिटा दिया था, लेकिन उनके अंकल ने गावस्कर के कान के पास एक निशान देख लिया था। यह मामला अस्पताल के सामने लाया गया और अंततः गावस्कर अपनी मां के पास पहुंच गए।
🔷 शानदार बल्लेबाजी की मिशाल गावस्कर बचपन से ही क्रिकेटर नहीं बल्कि एक रेसलर बनना चाहते थे और पहलवानी करना चाहते थे।
🔷सुनील गावस्कर तीन बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले ऐसे पहले क्रिकेटर थे, लेकिन इनमें से एक भी मैच में भारत जीत हासिल नहीं कर सका।
🔷 सुनील गावस्कर के नाम सबसे ज्यादा शतकों का रिकॉर्ड भी था। अपने 16 साल के करियर में गावस्कर ने 34 शतक बनाए। इस रिकॉर्ड को सचिन तेंदुलकर ने 2005 में तोड़ा था।
🔷 शानदार बल्लेबाजी के अलावा गावस्कर अपनी बेहतरीन फील्डिंग के लिए भी जाने जाते हैं। सनी 100 कैच लपकने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर हैं। इसी प्रकार 1984-85 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में धीमा प्रदर्शन करने के कारण उन्हें दर्शकों का विरोध झेलना पड़ा था। इसके चलते उन्होंने कभी ईडन गार्डन्स में न खेलने की कसम खा ली थी।
🔷 गावस्कर एक अच्छे लेखक भी हैं। वह अकेले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपने करियर के दौरान चार किताबें लिखी हैं- सनी डेज, आइडल्स, रन्स एन रून्स और वन-डे वंडर्स।
🔷 सुनील गावस्कर पिच पर अच्छा खेलने के साथ हीे बड़े पर्दे पर भी अपनी अदाकारी से कमाल दिखा चुके हैं। सुनील एक मराठी फिल्म ” सावली प्रेमाची” मे लीड रोल निभा चुके हैं। इसके अलावा एक छोटा सा रोल 'रहे मालामाल' फिल्म में भी कर चुके हैं।
🔷 गावस्कर कुत्तों से आतंकित रहते थे। ब्रिटिश ऑलराउंडर इयान बाथम एक बार एक फोन बूथ के बाहर एक विशाल कुत्ता लेकर खड़े हो गए थे। गावस्कर तभी बूथ से बाहर आए जब बाथम कुत्ते को लेकर वहां से चले गए थे।
🔷 क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1975 में अर्जुन अवार्ड, 1980 में पद्म भूषण अवार्ड, और साल 2012 में नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
🔷 सुनील गावस्कर ने अपने समय के महान बल्लेबाज रोहन कन्हाई के फैन थे इसलिए उन्होंने उनके नाम पर अपने बेटे का नाम रोहन रखा था।
अपने समय के सबसे सफल और सदाबहार बल्लेबाजों में से एक सुनील गावस्कर पहले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने क्रिकेट में दस हजार रन बनाए। 1971-87 के दौरान गावस्कर को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता था। क्रिकेट वर्ल्ड में सबसे पहले 'लिटिल मास्टर' की उपाधि गावस्कर को ही मिली थी। सुनील गावस्कर को उनके छोटे कद के लिए क्रिकेट का 'नेपोलियन' भी कहा जाता है। उन्होंने तेज़ गेंदबाजी के प्रति भारतीय खिलाड़ी के रवैये को बदला। उनके जन्मदिन पर आज हम लाए हैं गावस्कर से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य।
🔷 सनी का जन्म 10 जुलाई 1949 को मुम्बई में हुआ था। जन्म के बाद एक नर्स ने उन्हें गलती से एक मछुआरिन के पास लिटा दिया था, लेकिन उनके अंकल ने गावस्कर के कान के पास एक निशान देख लिया था। यह मामला अस्पताल के सामने लाया गया और अंततः गावस्कर अपनी मां के पास पहुंच गए।
🔷 शानदार बल्लेबाजी की मिशाल गावस्कर बचपन से ही क्रिकेटर नहीं बल्कि एक रेसलर बनना चाहते थे और पहलवानी करना चाहते थे।
🔷सुनील गावस्कर तीन बार किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाने वाले ऐसे पहले क्रिकेटर थे, लेकिन इनमें से एक भी मैच में भारत जीत हासिल नहीं कर सका।
🔷 सुनील गावस्कर के नाम सबसे ज्यादा शतकों का रिकॉर्ड भी था। अपने 16 साल के करियर में गावस्कर ने 34 शतक बनाए। इस रिकॉर्ड को सचिन तेंदुलकर ने 2005 में तोड़ा था।
🔷 शानदार बल्लेबाजी के अलावा गावस्कर अपनी बेहतरीन फील्डिंग के लिए भी जाने जाते हैं। सनी 100 कैच लपकने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर हैं। इसी प्रकार 1984-85 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में धीमा प्रदर्शन करने के कारण उन्हें दर्शकों का विरोध झेलना पड़ा था। इसके चलते उन्होंने कभी ईडन गार्डन्स में न खेलने की कसम खा ली थी।
🔷 गावस्कर एक अच्छे लेखक भी हैं। वह अकेले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपने करियर के दौरान चार किताबें लिखी हैं- सनी डेज, आइडल्स, रन्स एन रून्स और वन-डे वंडर्स।
🔷 सुनील गावस्कर पिच पर अच्छा खेलने के साथ हीे बड़े पर्दे पर भी अपनी अदाकारी से कमाल दिखा चुके हैं। सुनील एक मराठी फिल्म ” सावली प्रेमाची” मे लीड रोल निभा चुके हैं। इसके अलावा एक छोटा सा रोल 'रहे मालामाल' फिल्म में भी कर चुके हैं।
🔷 गावस्कर कुत्तों से आतंकित रहते थे। ब्रिटिश ऑलराउंडर इयान बाथम एक बार एक फोन बूथ के बाहर एक विशाल कुत्ता लेकर खड़े हो गए थे। गावस्कर तभी बूथ से बाहर आए जब बाथम कुत्ते को लेकर वहां से चले गए थे।
🔷 क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें साल 1975 में अर्जुन अवार्ड, 1980 में पद्म भूषण अवार्ड, और साल 2012 में नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा जा चुका है।
🔷 सुनील गावस्कर ने अपने समय के महान बल्लेबाज रोहन कन्हाई के फैन थे इसलिए उन्होंने उनके नाम पर अपने बेटे का नाम रोहन रखा था।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.