लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षामित्रों को बेसिक शिक्षा विभाग ने शामिल नहीं किया। - NATION WATCH - बदलते भारत की आवाज़ (MAGZINE)

Latest

Advertise With Us:

Advertise With Us:
NationWatch.in

Search This Blog

Breaking News

धर्म के नाम पर आरक्षण संविधान संवत नहीं- केंंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह*CISF के हवाले होगी जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा, रिपोर्ट तैयार*अमित शाह एडिटेड वीडियो मामले में जांच के लिए 6 राज्यों में रवाना हुईं दिल्ली पुलिस की टीमें*उत्तराखंड: बारिश से बुझी कुमाऊं इलाके के जंगलों में लगी आग*बिहार: भागलपुर में एनएच-80 पर सड़क हादसा, 6 लोगों की मौत*गुरुग्राम STF और दिल्ली पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन, लॉरेंस गैंग के 2 शूटर गिरफ्तार*पश्चिम बंगाल: बशीरहाट से BJP प्रत्याशी और संदेशखाली की पीड़िता को मिली X कैटेगरी की सुरक्षा*5 मई को अयोध्या में रोड शो करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी || [Nation Watch - Magazine - Title Code - UPHIND-48906]

Nation Watch


Saturday, July 21, 2018

लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षामित्रों को बेसिक शिक्षा विभाग ने शामिल नहीं किया।




लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों में  शिक्षामित्रों को बेसिक शिक्षा विभाग ने छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षा मित्रों को शामिल नहीं किया है। मानदेय भी इन्हे नियमित रूप से नहीं मिलता है। सरकार द्वारा मूल स्कूलों में भेजने के फैसले को शिक्षा मित्र सकारात्मक कदम मानकर चल रहे हैं। वर्ष-2001 में सर्व शिक्षा अभियान के आगाज के साथ ही कई चरणों में ग्रामीण एव नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में मानदेय के आधार पर शिक्षा मित्रों की नियुक्ति हुई थी। उत्तर प्रदेश के जिले में 147567  कार्यरत शिक्षा मित्रों को 10 हजार मासिक मानदेय मिल रहा है। सपा शासनकाल के दौरान शिक्षा मित्रों को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पदों पर समायोजित किया गया था। गत एक दशक से शिक्षा मित्र संघर्ष कर रहे थे। लेकिन हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के द्वारा उनके समायोजन को अमान्य कर दिए जाने के फैसले से उन्हें वर्ष-2017 में शिक्षा मित्र के पद पर वापिस लौटना पड़ा था।

बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा परिषदीय स्कूलों में केवल नियमित शिक्षकों को ही छात्र-शिक्षक अनुपात की श्रेणी में शामिल किया गया है 121063 शिक्षामित्रो का समायोजन हो गया था। समायोजन रद होने के बाद शिक्षामित्र मूल पद पर वापस आ चुके हैं। लोकसभा चुनाव से पहले उनकी नाराजगी दूर करने के लिए सरकार ने शिक्षामित्रों को उनके मूल स्कूलों में भेजने का निर्णय लिया है।

 शिक्षामित्रों को नियमित रूप से मानदेय न मिलने के कारण कई बार उनके समक्ष परिवार के भरण-पोषण की समस्या गहरा जाती है। अप्रैल मई का मानदेय  जुलाई माह में भेजा जा चुका है।  मूल स्कूलों में भेजने के लिए शिक्षामित्रों से विकल्प लिए जायेगे। हालांकि इस बारे में अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग से कोई गाइड लाइन नहीं जारी हुई है।

बेसिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात में केवल नियमित शिक्षकों एव फिक्स वेतन के आधार पर नियुक्त शिक्षको की गणना ही की जाती है। मानदेय के आधार पर नियुक्त होने के कारण शिक्षामित्र इस प्रक्रिया से बाहर हैं।

देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा

No comments:

Post a Comment

If you have any type of news you can contact us.

AD

Prime Minister Narendra Modi at the National Creators' Awards, New Delhi

NATION WATCH -->