केरल में बारिश का कहर बढ़ता जा रहा है। जगह-जगह हो रही बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक मौत का आंकड़ा 26 पर पहुंच गया है। केरल के बिगड़ते हालात देखते हुए अमेरिका ने एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों से वहां नहीं जाने को कहा है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून के कारण भारत के इस राज्य में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में अमेरिकी नागरिकों को राज्य के सभी प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करने से परहेज करना चाहिए।
बता दें कि राज्य में बुधवार रात से भारी बारिश के कारण इडुक्की जिले और उत्तरी हिस्से में कई जगह भूस्खलन हुआ जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने स्थिति को 'काफी विकट' करार दिया है। अधिकारियों ने बताया कि सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रया बल को इडुक्की, कोझिकोड, वायनाड और मलप्पुरम जिले के प्रभावित इलाकों में राहत अभियान में प्रशासन का सहयोग करने के लिए तैनात किया गया है।
राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने कहा कि बारिश के चलते हुई घटनाओं में कल से 26 लोग मारे गए हैं जिनमें 17 की मौत इडुक्की और मलपुरम जिलों में भूस्खलन के कारण हुई है। भारी बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं जिस कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 24 बांधों को खोल दिया गया है। एशिया के सबसे बड़े अर्ध चंद्राकार बांध इडुक्की जलाशय से पानी छोड़े जाने से पहले रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
केरल सरकार के अनुरोध पर 75,000 क्यूसेक पानी काबिनी जलाशय से छोड़ा गया है। वहीं लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए 10 करोड़ रुपए की राहत सामग्री और डॉक्टरों की टीम रवाना की गई है।एक समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति 'काफी भयावह' है और राज्य के इतिहास में पहली बार 24 बांधों को एक साथ तब खोला गया है जब उनमें जल स्तर अधिकतम सीमा तक पहुंच गया है। इडुक्की जलाशय के चेरूथोनी बांध को 26 वर्षों के बाद खोला गया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में भारी बारिश और बाढ़ के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बातचीत की और प्रभावित लोगों के लिए सभी संभव सहायता की पेशकश की।
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