तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय के समलैंगिकता को अपराध नहीं करार देने के फैसले को ‘आजादी की सुबह’ करार दिया और कहा कि बेडरूम में सरकार के लिए कोई जगह नहीं है।
शीर्ष अदालत द्वारा भारत में एलजीबीटीआईक्यू (समलैंगिक समुदाय) के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले को सुनकर वह बहुत खुश हैं।
थरूर ने कहा, ‘‘हमने सरकार को अपनी निजी जिंदगियों में तांकझांक करने की इजाजत दी थी लेकिन शीर्ष न्यायालय लोगों की गरिमा को बरकरार रखने के साथ खड़ा है। यह सेक्स नहीं है, यह आजादी है क्योंकि सरकार के लिए बेडरूम में कोई जगह नहीं है, यह वयस्कों के बीच होने वाले निजी कृत्य हैं। यह आजादी की सुबह है।’’
थरूर ने कहा कि लोकसभा में उन्होंने दो मौकों पर निजी विधेयक लाने का प्रयास किया लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों द्वारा उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया।
थरूर ने कहा, ‘‘तब मैंने कहा था कि केवल न्यायपालिका ही ऐसा कर सकती है और यह फैसला उन भाजपा नेताओं के लिए शर्म की बात है, जिन्होंने इसका विरोध किया था।’’
एलजीबीटीआईक्यू कार्यकर्ता आर. रेनजु ने इस ऐतिहासिक फैसले पर खुशी जताई और शीर्ष अदालत की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘एक भारतीय होने के नाते मैं हमेशा गर्व महसूस करता हूं और अब हम 27वें देश बन गए हैं, जिसने समलैंगिकता को वैध किया है। अब मुझे भारतीय होने पर और भी ज्यादा गर्व है।’’
आईएएनएस)
शीर्ष अदालत द्वारा भारत में एलजीबीटीआईक्यू (समलैंगिक समुदाय) के पक्ष में फैसला सुनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले को सुनकर वह बहुत खुश हैं।
थरूर ने कहा, ‘‘हमने सरकार को अपनी निजी जिंदगियों में तांकझांक करने की इजाजत दी थी लेकिन शीर्ष न्यायालय लोगों की गरिमा को बरकरार रखने के साथ खड़ा है। यह सेक्स नहीं है, यह आजादी है क्योंकि सरकार के लिए बेडरूम में कोई जगह नहीं है, यह वयस्कों के बीच होने वाले निजी कृत्य हैं। यह आजादी की सुबह है।’’
थरूर ने कहा कि लोकसभा में उन्होंने दो मौकों पर निजी विधेयक लाने का प्रयास किया लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्यों द्वारा उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया।
थरूर ने कहा, ‘‘तब मैंने कहा था कि केवल न्यायपालिका ही ऐसा कर सकती है और यह फैसला उन भाजपा नेताओं के लिए शर्म की बात है, जिन्होंने इसका विरोध किया था।’’
एलजीबीटीआईक्यू कार्यकर्ता आर. रेनजु ने इस ऐतिहासिक फैसले पर खुशी जताई और शीर्ष अदालत की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘एक भारतीय होने के नाते मैं हमेशा गर्व महसूस करता हूं और अब हम 27वें देश बन गए हैं, जिसने समलैंगिकता को वैध किया है। अब मुझे भारतीय होने पर और भी ज्यादा गर्व है।’’
आईएएनएस)
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