प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की धमकी ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को सकते में डाल दिया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जबकि पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी दी गई है। इससे पहले भी कई बार उन्हें ऐसी धमकियां और कोशिश की जाती रही हैं।
माओवादियों द्वारा राजीव गांधी की तरह पीएम को मारने की साजिश रचने का खुलासा होने के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। इतनी सख्त की खुद उनके मंत्री उनके समीप नहीं जा सकते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रहने से लेकर देश के प्रधानमंत्री बनने तक मोदी को अब तक आठ बार धमकियां और उन्हें मारने की कोशिश की जा चुकी हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी को मारने के लिए 27 अक्टूबर 2013 में पटना के गांधी मैदान में आयोजित हुंकार रैली में सिमी आतंकियों के छात्र सामूह ने 9 बम लगाए थे। इस दौरान 6 लोगों की मौत और बहुत से लोग घायल हो गए थे। मई 2015- पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पैतृक गांव में पीएम मोदी की रैली से पहले वाट्सऐप मैसेज पर उनके स्टेज को जलाने की धमकी दी थी। फरवरी 2017 यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि मऊ जिले में होने वाली पीएम मोदी की रैली के दौरान उन्हें जान का खतरा है।
जून 2017 में केरल के डीजीपी टीपी सेनकुमार ने दावा कि पीएम नोदी को आतंकियों से खतरा है। वह कोच्चि में नई मेट्रो रेल का उद्घाटन करने के लिए जाने वाले थे। जून 2018 में पुणे पुलिस ने दावा किया कि माओवादी पीएम मोदी को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। दिल्ली में रहने वाले रोना विल्सन के घर से एक पत्र मिला था। जिसमें पीएम को राजीव गांधी की तरह मारने की योजना बनाई गई थी।
अप्रैल 2018 में 50 साल के एक शख्स ने पुलिस को फोन करके बताया था कि वह पीएम मोदी को जान से मारने वाला है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी मोहम्मद रफीक को गिरफ्तार किया था। जून 2018- नदीम खान नाम के शख्स ने अपने फेसबुक पर लिखा था कि मैं मोदी को गोली मारने वाला हूं।
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