देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम ने महिलाओं को लेकर नया फतवा जारी करते हुए बारात में उनके जाने को नाजायज करार दिया है। इससे पहले दारुल उलूम देवबंद ने विवाह समारोह में महिलाओं और पुरुषों के एक साथ खाना खाने को नाजायज बताया था।
देवबंद के ग्राम फुलासी निवासी नजम गौड़ ने दारुल उलूम देवबंद के इफता विभाग से सवाल किया था कि आमतौर पर घर से निकाह के लिए जब दूल्हा बारात लेकर निकलता है तो बारात में नाच गाने के साथ ही परिवारों और रिश्तेदारों के साथ-साथ जान पहचान की महिलाएं भी शामिल होती हैं। क्या इस तरह की बारात ले जाने की शरीयत इजाजत देता है?
इसके जबाव मे दारुल उलूम ने जारी फतवे में कहा कि ढोल बाजे और महिलाओं व पुरुषों का एक साथ बारात में जाना शरीयत इस्लाम में नाजायज है, इससे बचना चाहिए। फतवे में यह भी कहा गया है कि यदि दुल्हन को रुखसत कराने के लिए जाना हो तो दूल्हे के साथ घर के दो या तीन लोगों का जाना ही काफी है।
इससे पहले भी दारुल उलूम विवादित फतवा जारी कर मीडिया में सुर्खिया बटोर चुका है। नवंबर के पहले सप्ताह में इस संस्था ने नेल पॉलिश लगाने वाली मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ फतवा जारी किया था और कहा था कि यह इस्लाम के खिलाफ होने के साथ-साथ अवैध भी है।
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