◆ सोशल मीडिया पर अख़बार की एक कटिंग तेज़ी से शेयर की जा रही है जिसका शीर्षक है- 'वोट देने नहीं गए तो बैंक अकाउंट से कटेंगे 350 रुपये'.
इस आर्टिकल की पहली लाइन में लिखा है कि 'इस बार लोकसभा चुनाव में वोट न डालना महंगा पड़ जाएगा'.... चुनाव आयोग के प्रवक्ता के हवाले से इस ख़बर में लिखा है कि 'इस बार जो वोटर वोट नहीं डालेंगे, उनके बैंक अकाउंट से 350 रुपये काटे जाएंगे और जिन वोटर्स के बैंक अकाउंट में 350 रुपये नहीं होंगे, उनसे यह पैसा मोबाइल रिचार्ज के वक़्त कट जाएगा'.
इस साल 11 अप्रैल से लेकर 19 मई के बीच कुल सात चरणों में लोकसभा का चुनाव होना है.
पहले चरण के मतदान को अब ज़्यादा वक़्त नहीं रह गया है, ऐसे में सोशल मीडिया के अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म्स पर अख़बार की इस कटिंग को शेयर किया जा रहा है.
सौ से ज़्यादा पाठकों ने बीबीसी की फ़ैक्ट चेक टीम को अख़बार की ये कटिंग भेजी है और इसकी सत्यता जाननी चाही है.
इस आर्टिकल की पहली लाइन में लिखा है कि 'इस बार लोकसभा चुनाव में वोट न डालना महंगा पड़ जाएगा'.... चुनाव आयोग के प्रवक्ता के हवाले से इस ख़बर में लिखा है कि 'इस बार जो वोटर वोट नहीं डालेंगे, उनके बैंक अकाउंट से 350 रुपये काटे जाएंगे और जिन वोटर्स के बैंक अकाउंट में 350 रुपये नहीं होंगे, उनसे यह पैसा मोबाइल रिचार्ज के वक़्त कट जाएगा'.
इस साल 11 अप्रैल से लेकर 19 मई के बीच कुल सात चरणों में लोकसभा का चुनाव होना है.
पहले चरण के मतदान को अब ज़्यादा वक़्त नहीं रह गया है, ऐसे में सोशल मीडिया के अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म्स पर अख़बार की इस कटिंग को शेयर किया जा रहा है.
सौ से ज़्यादा पाठकों ने बीबीसी की फ़ैक्ट चेक टीम को अख़बार की ये कटिंग भेजी है और इसकी सत्यता जाननी चाही है.
'ख़बर' का फ़ैक्ट चेक
हमने पाया कि ये कटिंग दिल्ली से प्रकाशित होने वाले दैनिक अख़बार नवभारत टाइम्स की है.
अख़बार ने होली के मौके पर इस 'भ्रामक ख़बर' को प्रकाशित किया था. नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर भी यह भ्रामक ख़बर 21 मार्च को प्रकाशित हुई थी. वेबसाइट पर इस लेख के ऊपर ही लिखा हुआ है, 'इस ख़बर में कोई सच्चाई नहीं है. यह एक मज़ाक है.'
इस वायरल कटिंग में लिखा है, 'कोई वोटर इस आदेश के लिए कोर्ट न जाए. इसको ध्यान में रखते हुए आयोग ने पहले ही कोर्ट से मंज़ूरी ले ली है. इसके ख़िलाफ़ अब याचिका दायर नहीं हो सकती.' चुनाव आयोग ने वोटर्स पर जुर्माना लगाने के लिए कोर्ट से कोई मंज़ूरी नहीं ली है और न ही इस तरह का कोई आवेदन किया है. ये सब अख़बार द्वारा किया गया मज़ाक है.
अख़बार ने होली के दिन कई अन्य भ्रामक ख़बरें भी छापी थीं. इनमें से दो के शीर्षक थे- 'पाकिस्तान ने हाफ़िज़ सईद को भारत के हवाले किया, अब दाऊद की बारी' और 'नीरव, माल्या ने धोए थे कुँभ में पाप'.
हालांकि अख़बार ने इन ख़बरों के अंत में लिखा था कि 'बुरा न मानो होली है'. लेकिन सोशल मीडिया पर जो कटिंग वायरल हो रही है, उससे यह वाक्य हटा दिया गया है.
हमने पाया कि ये कटिंग दिल्ली से प्रकाशित होने वाले दैनिक अख़बार नवभारत टाइम्स की है.
अख़बार ने होली के मौके पर इस 'भ्रामक ख़बर' को प्रकाशित किया था. नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर भी यह भ्रामक ख़बर 21 मार्च को प्रकाशित हुई थी. वेबसाइट पर इस लेख के ऊपर ही लिखा हुआ है, 'इस ख़बर में कोई सच्चाई नहीं है. यह एक मज़ाक है.'
इस वायरल कटिंग में लिखा है, 'कोई वोटर इस आदेश के लिए कोर्ट न जाए. इसको ध्यान में रखते हुए आयोग ने पहले ही कोर्ट से मंज़ूरी ले ली है. इसके ख़िलाफ़ अब याचिका दायर नहीं हो सकती.' चुनाव आयोग ने वोटर्स पर जुर्माना लगाने के लिए कोर्ट से कोई मंज़ूरी नहीं ली है और न ही इस तरह का कोई आवेदन किया है. ये सब अख़बार द्वारा किया गया मज़ाक है.
अख़बार ने होली के दिन कई अन्य भ्रामक ख़बरें भी छापी थीं. इनमें से दो के शीर्षक थे- 'पाकिस्तान ने हाफ़िज़ सईद को भारत के हवाले किया, अब दाऊद की बारी' और 'नीरव, माल्या ने धोए थे कुँभ में पाप'.
हालांकि अख़बार ने इन ख़बरों के अंत में लिखा था कि 'बुरा न मानो होली है'. लेकिन सोशल मीडिया पर जो कटिंग वायरल हो रही है, उससे यह वाक्य हटा दिया गया है.
(BBC hindi)
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