सिद्धार्थनगर/ शोहरतगढ़-
गोद भराई करती आंगनवाड़ी कार्यकत्री
पोषण आहार की जानकारी, उपहार से स्वागत
जिले के आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित हुई गोदभराई दिवस कार्यक्रम
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा शनिवार को जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई दिवस कार्यक्रम मनाया गया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार की पोटली उपहार में देकर भरपूर पोषण के लिए इसका उपयोग करने की सलाह दी गई।
जिले भर के 3112 आंगनबाड़ी केंद्रों मातृ समितियों के सहयोग से आयोजित गोदभराई दिवस पर 3 से 7 माह की गर्भवती महिलाओं को चुनरी- तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को उपहार में पौष्टिक खाद्य पदार्थों से भरी पोटली उपहार में देकर गोद भरी गई। उपहार देते समय बताया गया कि उनके शरीर में एक जीवन और पल रहा है, इसलिए अपने साथ- साथ उसका ख्याल रखते हुए भरपूर मात्रा में पौष्टिक आहार लें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि गोदभराई कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। बच्चे के शुरुआती एक हजार दिन सबसे महत्त्वपूर्ण होते हैं। इसी दिवस में सबसे ज्यादा मानसिक- शारीरिक विकास होता है। गर्भधारण से शुरू होने वाले एक हज़ार दिन तक पोषण और देखभाल बहुत जरूरी होता है। हमारे यहां ज्यादातर बच्चे कम वजन के पैदा हो रहे हैं, क्योंकि जन्म के समय माँ में खून की कमी या पोषण की कमी का असर बच्चों पर हो जाता है। इस समस्या से निजात के लिए गर्भवती महिलाओं को बुलाकर पोषण का महत्त्व समझाया जा रहा है।
जिला स्वस्थ भारत प्रेरक विनय कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के पोषण का खास ख्याल रखा जाना जरूरी है। महिला अपने साथ एक और जीवन को पोषित करती हैं, इसलिए गर्भवती महिलाओं को अपने जीवन में स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की जरूरत होती है।
गोद भराई करती आंगनवाड़ी कार्यकत्री
पोषण आहार की जानकारी, उपहार से स्वागत
जिले के आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित हुई गोदभराई दिवस कार्यक्रम
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा शनिवार को जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई दिवस कार्यक्रम मनाया गया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार की पोटली उपहार में देकर भरपूर पोषण के लिए इसका उपयोग करने की सलाह दी गई।
जिले भर के 3112 आंगनबाड़ी केंद्रों मातृ समितियों के सहयोग से आयोजित गोदभराई दिवस पर 3 से 7 माह की गर्भवती महिलाओं को चुनरी- तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को उपहार में पौष्टिक खाद्य पदार्थों से भरी पोटली उपहार में देकर गोद भरी गई। उपहार देते समय बताया गया कि उनके शरीर में एक जीवन और पल रहा है, इसलिए अपने साथ- साथ उसका ख्याल रखते हुए भरपूर मात्रा में पौष्टिक आहार लें।
जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि गोदभराई कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। बच्चे के शुरुआती एक हजार दिन सबसे महत्त्वपूर्ण होते हैं। इसी दिवस में सबसे ज्यादा मानसिक- शारीरिक विकास होता है। गर्भधारण से शुरू होने वाले एक हज़ार दिन तक पोषण और देखभाल बहुत जरूरी होता है। हमारे यहां ज्यादातर बच्चे कम वजन के पैदा हो रहे हैं, क्योंकि जन्म के समय माँ में खून की कमी या पोषण की कमी का असर बच्चों पर हो जाता है। इस समस्या से निजात के लिए गर्भवती महिलाओं को बुलाकर पोषण का महत्त्व समझाया जा रहा है।
जिला स्वस्थ भारत प्रेरक विनय कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के पोषण का खास ख्याल रखा जाना जरूरी है। महिला अपने साथ एक और जीवन को पोषित करती हैं, इसलिए गर्भवती महिलाओं को अपने जीवन में स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की जरूरत होती है।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.