(संतोष कौशल ,बिस्कोहर ,सिद्धार्थनगर)
बिस्कोहर । स्थानीय कस्बे के पुराना डाकखाना स्थिति शिव मंदिर के पास चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक पं. विरेंद्र मणि त्रिपाठी ने भगवान श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। उन्होंने सुमधुर वाणी में कई बधाई गीत गाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
इस दौरान पूतना का वध, गिरिराज गोवर्धन की पूजा के अलावा कंस के अत्याचारों की कथा भी सुनाई। उन्होंने भक्तों को बताया कि द्वापर युग में कंस का अत्याचार इतना अधिक बढ़ गया कि वह अपने और पराए को भी भूलने लगा। उसने अपनी सगी बहन और बहनोई को भी कारागार में निरुद्ध कर यातनाएं देना शुरू कर दिया, तब भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया। ईश्वरीय माया से कारागार के सभी सुरक्षाकर्मी सो गए और ताले खुल गए। पिता वसुदेव उन्हें गोदी में गोकुल में नंदबाबा के घर ले गए। रास्ते में उफनाती यमुना ने भगवान श्रीकृष्ण का चरण स्पर्श कर अपना जल वेग कम कर लिया। नंदबाबा के घर से लड़की लाकर देवकी के पास लिटा दिया।
विद्वान कथा वाचक ने उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि ईश्वर की जो इच्छा होती है, सारे काम स्वयं वैसे ही होते चले जाते हैं। उन्होंने विविध वाद्य यंत्रों के बीच पूतना वध और गोवर्धन की पूजा का वृतांत सुनाकर लोगों का भक्तिरस में डुबो दिया। इस अवसर पर आयोजक मुराली जायसवाल , तारबाबू , रामानंद , लालबाबू , राजू , कन्हैया , जितेन्द्र , पंथबाबू , विकास , कैलाश , रमा शंकर , विनय , आकाश आदि श्रद्धालुं मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.