केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पेश किया। बिल पर चर्चा के बाद सदन में वोटिंग हुई। जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने वाला बिल पास हो गया है। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले हुई वोटिंग को रद्द कर फिर से कराने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि, मशीनों ने ठीक से काम नहीं किया है। जिसके बाद से फिर से पुर्नमतदान का आदेश दिया।इस बिल के पक्ष में 366 वोट पड़े और विपक्ष में 66 वोट पड़े, जबकि एक सदस्य अनुपस्थित रहा।
पहले लोकसभा में अमित शाह की ओर से लाया गया संकल्प स्वीकार किया गया है। इसके बाद लोकसभा में राज्य पुनर्गठन बिल और जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल पेश किया गया। इस पर वोटिंग हुई जिसमें बिल के पक्ष में 366 और विपक्ष में 66 वोट पड़े।
एक सांसद गैर मौजूद रहा जबकि कुल 433 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया। इसके बाद लोकसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को रद्द करने का प्रस्ताव रखा गया।इसके बाद इस प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में पक्ष में 351 वोट पड़े जबकि विरोध में 72 वोट पड़े।
इसके बाद लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल को लोकसभा से वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद जम्मू कश्मीर से धारा 370 अपने आप हट जाएगी और फिर वहां यह आरक्षण लागू जाएगा, इसलिए बिल को वापस लेता हूं।
गृह मंत्री ने कहा कि राज्यसभा से भी यह बिल वापस लेने की अपील करूंगा। सदन ने गृह मंत्री को आरक्षण बिल वापस लेने की इजाजत दे दी। जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक लोकसभा में पास होते ही सदन में सांसदों ने नारे लगाए और एक दूसरे को बधाई दी।
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