संतोष कौशल, बिस्कोहर, सिद्धार्थनगर
बिस्कोहर । भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी के दिन पुत्रवती मातायें अपने पुत्रों की लम्बी आयु के लिए व्रत रखती हैं । कहते हैं कि भगवान कृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलराम जी के जन्मोत्सव के रूप में यह पर्व मनाया जाता हैं । इस दिन पुत्रवती स्त्रियां ही इस व्रत को करती हैं । कहते हैं इस दिन महुए की दातुन करने का भी विधान हैं । आज के दिन स्त्रियां भूमि ( आँगन ) लीप कर और कही - कही स्त्रियां खुले मैदान मे जाकर एक कुंड बनाती है जिसमें बेरी ,पलाश ,गूलर ,कुश प्रभूत्ति की टहनियाँ गाड़कर ललही की पूजा करती हैं । कहीं-कहीं पूजन में महुआ के साथ तिन्नी का चावल, दही और चना चढ़ाया जाता हैं । और कहीं सतनजा के साथ भुना हुआ लावा चढ़ाया जाता हैं और हल्दी से रंगा हुआ वस्त्र और कहीं-कहीं सुहाग सामग्री भी स्त्रियां चढ़ाती हैं । यह परम्परा वर्षों से चला आ रहा हैं लोग इसे श्रध्दा पूर्वक मनाते चले आ रहें हैं । बुधवार को भी यह पर्व बिस्कोहर क्षेत्र मे धूमधाम से मनाया गया सुबह 7 बजे पुत्रवती माताएं अपने पुत्रों के दीर्घायु के लिए पूजन मे लगी देखी गई ।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.