आज गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व एवं कार्तिक पूर्णिमा का दिन है। इस अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं मंगलमय कामनाएं। गुरुनानक देव मध्य युग में एक ऐसे महामानव थे, जिन्होंने सम्पूर्ण विश्व को मानवतावाद,एकेश्वरवाद, सामाजिक सौहार्द,अन्ध विश्वास के खिलाफ उपदेश दिया।
गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 पेशावर के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था, परंतु कुछ विद्वानों का मत है कि गुरुनानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। गुरु नानक देव जी का जन्म स्थान आज यह स्थान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। इनके पिता का नाम मेहता कालूचंद एवं माता तृप्ता थी।इनका विवाह 1485 में सुक्खलिनी नामक कन्या से हुआ।
नानक देव बचपन में शिक्षा के प्रति बहुत लगाव नहीं रहा।उनका जीवन मानवता के प्रति समर्पित रहा। गुरु नानक का उदय ऐसे समय में हुआ,जब चारों तरफ समाजिक वैमनस्यता का दौर जारी है। इन्होंने मध्य काल के चार शासकों के समय को देखा। सिकन्दर लोदी, इब्राहिम लोदी,बाबर और हुमायूं। सिकन्दर लोदी अपने अपनी धर्मांधता के लिए जाना जाता है, वहीं इब्राहिम लोदी का शासन काल,सल्तनत के विकेंद्रीकरण एवं शासक वर्ग में आपसी कटुता के लिए जाना जाता है। बाबर का शासन काल, भारत में मुगल वंश की स्थापना का काल है, हुमायूं का शासन काल अफगानो के पुनर्जन्म का शासन काल रहा है।इन्हीं परिस्थितियों में भारत में दो महान संतों ने जन्म लिया, ये थे गुरु नानक और कबीरदास। ये दोनों ने पुरे जनमानस को एकेश्वरवाद, जातिवाद के खिलाफ, मूर्ति पूजा के विरुद्ध, सामाजिक सौहार्द का सन्देश दिया।
गुरु नानक देव ने जातिवाद के खिलाफ लंगर व्यवस्था की शुरुआत की।लंगर में सभी जातियों के एक समूह में बैठकर भोजन करते हैं।
गुरु नानक की शिक्षाओं का संकलन सिक्ख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में मिलता है। नानक सिक्ख धर्म के संस्थापक और महान उपदेशक थे। गुरु नानक देव के बाद उनके विचारो का प्रसार उनके शिष्यों ने किया।
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं इस प्रकार है
1, ईश्वर एक है।
2, सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो।
3, ईश्वर सर्वव्यापी है और प्राणी मात्र में है।
4, ईश्वर की उपासना करने से भय नहीं रहता है।
5, मेहनत करके अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करें।
6, बुरे कार्यों के बारे में मत सोचो।
7, ईमानदारी से कमाये धन का हिस्सा कुछ जरुरत मंदो को दे।
8, पुरुष और महिला में भेद न करें।
9,लोभ की प्रवृत्ति का। त्याग।
10,भाई चारे एवं एकता को बढ़ावा।
कार्तिक पूर्णिमा एवं प्रकाश पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।
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