संतोष कौशल, सिद्धार्थनगर
बिस्कोहर ।विकास खंड भनवापुर के प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर सिकौथा में राम विवाह के पावन पर्व पर आयोजित सात दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के छठवें दिन बुधवार रात कथा सुनाते हुए रामानंदाचार्य स्वामी दिनेशाचार्य जी महराज ने कहा कि भगवान श्री राम का विवाह समाज को एक नई दिशा स्थापित करने की संभावना उत्पन्न करती है ।
विवाह इसलिए होता है कि ब्रह्म को प्राप्त करने के लिए पति और पत्नी का जो संबंध है वह सहायक है दोनों मिलकर उस परमात्मा की खोज करें एक दूसरे की सहायता करें ।
भगवान श्रीराम मिथिला में पधारे जो मन की भूमि है महाराज जनक जो विदेश हैं लेकिन राम जी को देखकर ब्रह्म सुख की अनुभूति त्याग कर भगवान के मुखारविंद का दर्शन करने लगे ।
वास्तव में जब जीव के मन का पुष्प भक्ति का पुष्प पूरी तरह से खिल जाता है तो उसको भगवान के पास नहीं जाना पड़ता भगवान स्वयं उसके पास जाकर उसके पुष्प का आयोजन करते हैं । भगवान श्रीराम अखिल भूमंडल के स्वामी हैं और सीता जी महारानी भगवान से अभिन्न है फिर भी समाज में एक विवाह संस्कार की स्थापना करने के लिए भगवान श्री सीता रामचंद्र जी का विवाह महोत्सव बड़ी दिव्यता के साथ संपन्न हुआ है ।
इस अवसर बाबा रंगईदास , यज्ञ अध्यक्ष फतेबहादुर सिंह , महामंत्री संजय सिंह , रमेश दास शास्त्री , शप्पू सिंह ,
रमेश दास शास्त्री , मोना पाण्डेय , अमित पाण्डेय , अजय गुप्ता , कालिया अवस्थी , बृजेश चन्द्र त्रिपाठी , रवि सिंह , प्रमोद सिंह , राहुल पाण्डेय , गोबरे महराज आदि मौजूद रहें ।
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