संतोष कौशल, सिद्धार्थनगर
बिस्कोहर ।विकास खंड भनवापुर के प्राचीन श्रीराम जानकी मंदिर सिकौथा में राम विवाह के पावन पर्व पर आयोजित सात दिवसीय श्रीराम महायज्ञ के दूसरे दिन शनिवार रात कथा सुनाते हुए जगतगुरु श्री रामानंदाचार्य स्वामी दिनेशाचार्य जी महराज ने कहा कि सनातन धर्म का मूल यज्ञ है यज्ञ ही परमात्मा है ।
श्री राम कथा जीवन के संशय को मिटाती है भगवान भोलेनाथ और मैया सती कुंभज के यहां कथा श्रवण करने गए एक ने कथा सुनी तो उनका विकास हुआ और मां ने कथा नहीं सुना तो उनको अपने पिता के हाथ जल करके भस्म हो जाना पड़ा जीवन में सत्संग है तो आपका पतन नहीं हो सकता है परमात्मा जीव की रक्षा हर हाल में करते हैं परमात्मा परीक्षा का विषय नहीं है परमात्मा प्रतीक्षा का विषय है ना तो परमात्मा की समीक्षा करो ना तो भगवान की परीक्षा करो कर सको तो भगवान की प्रतीक्षा करो शबरी ने प्रतीक्षा किया तो भगवत प्राप्ति हो गई सूपनखा ने समक्षा किया तो नाक कट गई सती जी ने परीक्षा लिया तो अग्नि में जलकर भस्म होना पड़ा इसलिए परमात्मा की राह देखो कब आएंगे कैसे आएंगे और कब मिलेंगे और कथा सुनने से वह योग्यता जीव के जीवन में आ जाती है कि परमात्मा की परीक्षा की घड़ियां समाप्त होती हैं और वह समय आ जाता है जो भगवान जीव के घर पधारे हैं और वही सती जब पार्वती बनकर आई तब भगवान के बारे में जिज्ञासा किया और वहीं से राम कथा का प्रादुर्भाव हुआ राम कथा जीवन में सुख शांति और समृद्धि स्थापित करती है कि भगवान श्रीराम राष्ट्रपुरुष ही राष्ट्र मंगल की कामना कर सकता है और राष्ट्र मंगल की कामना होगा तो सुख समृद्धि और आनंद का वैभव प्राप्त होगा ।
इस अवसर बाबा रंगईदास , यज्ञ अध्यक्ष फतेबहादुर सिंह , महामंत्री संजय सिंह , रमेश दास शास्त्री , शप्पू सिंह ,
रमेश दास शास्त्री , मोना पाण्डेय , अमित पाण्डेय , अजय गुप्ता , कालिया अवस्थी , बृजेश चन्द्र त्रिपाठी , रवि सिंह , प्रमोद सिंह , राहुल पाण्डेय , गोबरे महराज आदि मौजूद रहें ।
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