खेल डेस्क. भारतीय टीम ने महिला टी20 वर्ल्ड कप के पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराकर सबका ध्यान खींचा। 132 रन का स्कोर डिफेंडिंग चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छोटा लग रहा था। लेकिन टीम इंडिया ने रोमांचक जीत दर्ज की। लेग स्पिनर पूनम यादव ने शानदार गेंदबाजी की और 19 रन देकर चार विकेट लिए। उनके प्रदर्शन ने अन्य गेंदबाजों और फील्डर्स को प्रोत्साहित किया। इस कारण टीम ने रोमांचक जीत दर्ज की।
फैंस को भी इस जीत का विश्वास नहीं हो रहा था। इस वर्ल्ड कप में ऐसे ही बड़े धमाके की उम्मीद थी। आईसीसी ने टूर्नामेंट के स्तर को काफी ऊंचा किया और काफी प्रचार-प्रसार भी किया है। टूर्नामेंट का फाइनल 8 मार्च यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन खेला जाएगा। इसे एक अच्छा आइडिया कहा जा सकता है। इसके अलावा खेल के दूसरे पहलू को भी देखने की जरूरत है।
8 मार्च को होगा फाइनल
आज हर प्रमुख खेल को व्यवसाय के तौर पर देखा जाता है। अगर वर्ल्ड कप के मैच में बड़ी संख्या में फैंस आते हैं तो स्पॉन्सर्स और ब्रॉडकास्टर इससे जुड़ेंगे। आईसीसी और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट को सफल बनाने के लिए बहुत सारे प्रयास किए हैं। इसके अलावा सभी 8 मार्च को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल की उम्मीद लगाए हुए हैं।
भारतीय टीम पर सबसे ज्यादा नजर
महिला क्रिकेट तेजी से बढ़ रहा है। घरेलू टीम फैंस को आकर्षित करती ही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा निगाहें भारत की ओर हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया भले ही रेस में सबसे आगे हैं लेकिन फाइनल में पहुंचने के लिए कई बड़ी टीमों को हराना होगा। हरमनप्रीत की टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन करके ही यहां पहुंच सकती है। यह अच्छी बात है कि भारतीय टीम ने कितनी जल्दी टॉप की टीम में जगह बना ली है। यह तभी संभव हो सका जब महिला क्रिकेट बीसीसीआई के अंडर में आई। 30-35 साल पहले खेलीं शांतारंगास्वामी, डायना एडुलजी, शुभांगी खापरे, फौजिया खलिली सभी वर्ल्ड क्लास थीं लेकिन सुविधाएं और पैसों की कमी थी। मैंने खिलाड़ियों को खुद के पैसे से टूर्नामेंट खेलते देखा।
अब महिला क्रिकेट का स्तर अच्छा हुआ
शरद पवार के अध्यक्ष बनने के बाद बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट पर ध्यान देना शुरू किया, तब यह शानदार सफर जारी है। खिलाड़ियों को सेंट्रल कान्ट्रेक्ट भी मिला। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को अधिक इंटरनेशनल मैच और टूर्नामेंट खेलने को मिलने लगे। इसने खिलाड़ियों को अनुभवी बनाया और इसने कई युवा खिलाड़ियों को खेल से जुड़ने काे प्रेरित किया। आज हमारी टीम में हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, पूनम यादव, जेमिमा रोड्रिग्ज और शेफाली वर्मा जैसे कुछ बड़े नाम हैं। देश में महिला क्रिकेट तेजी से बढ़ रहा है। एक वर्ल्ड कप का खिताब इसे कई गुना बढ़ा सकता है। जैसे 1983 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद पुरुष क्रिकेट में हुआ था। अच्छा करने के लिए शुभकामनाएं।
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