संतोष कौशल, सिद्धार्थनगर
बिस्कोहर । विकास खंड भनवापुर के ग्राम पंचायत हरिबन्धनपुर में समय माता मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीशतचंडी महायज्ञ के समापन पर गुरुवार की सुबह श्रद्वालुओ की आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा । नौवें दिन में विद्वान यज्ञाचार्यो द्वारा यज्ञशाला निर्मित वेदियों में पूर्ण आहुति के साथ यज्ञ का समापन किया गया । इस मौके पर क्षेत्र के हजारों श्रद्धालुओ ने यज्ञ स्थल की परिक्रमा कर माथा टेका । यज्ञ वेदी में नारियल , घी , अगरबत्ती व प्रसाद चढाकर लोगों ने मन्नत मांगी ।
कथा के आठवें दिन बुधवार रात कथा वाचक आचार्य धीरेश महाराज श्रीमद्देवीभागवत की चर्चा करते हुए कहा कि हर स्त्री में दुर्गा , काली व सरस्वती का दर्शन करना चाहिए । उन्होंने कहा कि जब माँ भगवती से शिव ने तीसरी दृष्टि प्राप्त किया और उसी तीसरे नेत्र से भगवती को देख लिया तभी माँ भगवती जल के राख की ढेर हो गयी तब महादेव ने तीन अंजलि राख लेकर तीन पिंड बनाया पहले पिंड से सरस्वती को बनाया जो ब्रम्हा को दिया दूसरे पिंड से लक्ष्मी को बनाया जो विष्णु को दिया और तीसरे पिंड से काली का निर्माण किया जिसको स्वयम वरण किया औऱ बाकी जितनी राख बची उसको फूक मार के उड़ा दिया उसी राख से दुनिया की समस्त स्त्रियां है । कहा कि संसार की सभी स्त्री दुर्गा स्वरूपा है औऱ सभी पुरूष शिव स्वरूप है । इसी लिए हम सभी भक्तो को हर नारी में भगवती का दर्शन करना चाहिए और हमेशा नारी का सम्मान करना चाहिए । आचार्य ने कहा जहां नारी का सम्मान है उसी घर मे सुख शांति भी बनी रहती है ।
गुरुवार सुबह यज्ञ के समापन पर विशाल भंडारा कराया गया । भंडारे में साधु संत व कन्याओं को सर्वप्रथम प्रसाद ग्रहण कराया गया । इसके पश्चात गांव के साथ क्षेत्र से आए हजारों श्रद्वालुओ को प्रसाद खिलाया गया ।
इस मौके पर यज्ञाध्यक्ष आचार्य दुर्गेश शास्त्री , त्रिपुरारी पाण्डेय , राम वचन , सदानन्द शुक्ला , सुधीर त्रिपाठी , विनोद , गोपाल पाण्डेय , सदाऊ चौधरी , प्रेम नरायन पाण्डेय , विद्यासागर , राम शंकर , राहुल पाण्डेय , लाल बिहारी , शुभ करन , सुबास , आनंद शुक्ला , राम अनुज , जय प्रकाश , मंतोस आदि मौजूद रहें ।
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