संतोष कौशल, सिद्धार्थनगर
बिस्कोहर ।विकास खंड भनवापुर क्षेत्र के भरौली कैथोलिया में चल रही प्रज्ञा पुराण कथा के चौथे दिन शुक्रवार रात अचानक शुरू हुए बारिश से तीन घंटे तक चलने वाली प्रज्ञा पुराण कथा का समापन केवल दो घंटे में कर दिया गया ।
कथा के दौरान कथा व्यास सरजू प्रसाद वानप्रस्थी ने परिवार निर्माण की कथा सुनाई। कहा कि गृहस्थ जीवन एक तपोवन है। इसमें साधना करते हुए जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने परिवार चलाने के लिए पंचशील सिद्धांत की चर्चा की। इसके तहत स्वच्छता व सुव्यवस्था, प्यार एवं सहकार, आपस में शालीनता एवं सहनशीलता, श्रम एवं ईमानदारी से धनोपार्जन एवं आस्तिकता एवं धार्मिकता के महत्व को बताया। कहा कि इन पांचों सिद्धांतों को अपनाकर अपने परिवार व समाज का निर्माण किया जा सकता है। व्यास ने कहा कि घर में पूजा की वेदी बनाई जाए। बच्चों से नित्य पूजा तथा दान कराया जाए। उन्हें सत्संग और स्वाध्याय से जोड़ा जाए। इसके लिए धार्मिक और महापुरुषों से जुड़ी पुस्तकों का इंतजाम होना चाहिए।
कथा के बीच बीच में टोली के साथ आये संगीत टीम के देवी प्रसाद, राम चन्द्र व धर्मेन्द्र कुमार ने अपने प्रेरक भजनों की रसधारा से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कथा समापन पर प्रज्ञा पुराण व मां गायत्री की आरती उतारी गई एवं सभी ने कथा का चरणामृत प्रसाद पाया ।
इस मौके पर यज्ञ व्यवस्थापक रवि कुमार , शेषराम गुप्ता , अनुराधा सिंह , जगदम्बा प्रसाद वर्मा, गोबर्धन यादव , दुर्गा प्रसाद चौधरी , मनोज चौधरी , पंडित विशम्भर तिवारी , रज्जू श्रीवास्तव आदि श्रद्वालूं मौजूद रहें ।
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