संतोष कौशल, सिद्धार्थनगर
बिस्कोहर । भनवापुर ब्लाक के जिगना हबीबपुर गांव स्थित दुर्गा मंदिर के परिसर में शांति कुंज हरिद्वार एवं गायत्री परिवार के तत्वावधान में चल रहे गायत्री प्रज्ञा पुराण पावन कथा में बुधवार रात शांति कुंज हरिद्वार के सानिध्य में आये कथा व्यास के. के. श्रीवास्तव ने कथा प्रसंग में मानव जीवन निर्माण की सरस व्याख्या करते हुए कहा कि बड़े भाग्य से हमें मानव तन मिला है, इसका सही उपयोग कर जीवन को धन्य बनाना है।
उन्होंने जीवन को धन्य बनाने के कई प्रसंग सुनाए एवं कहा कि जहां व्यक्ति का मिथ्या अहंकार जब समाप्त हो जाता है, वहीं से उसकी गरिमा आरंभ हो जाती है। इसलिए मानव को जीवन में सद्कार्य कर आगे बढ़ना होगा। व्यास ने यह भी कहा कि सभ्य व जागरू क समाज के लिए सभी लोगों का संस्कारित होना नितांत व परम आवश्यक है। शांति कुंज की स्थापना का वृतांत देते हुए व्यास ने बताया कि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने लक्ष्यपूर्ण स्वास्थ्य शरीर, सभ्य समाज की संरचना, व्यक्ति, परिवार, समाज एवं समस्त मानव मात्र के मन में देवत्व के उदय के मूल मंत्र को लेकर ही शांतिकुंज की नींव रखी है।
कथा के बीच बीच में संगीत टीम के अमन सिंह व शिव नारायण ने अपने प्रेरक भजनों की रसधारा से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
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