संतोष कौशल
बिस्कोहर । भनवापुर क्षेत्र के हरिबंधनपुर गांव के समय माता मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीशतचंडी महायज्ञ के चौथे दिन शनिवार रात कथा करते हुए पूज्य स्वामी आलोक आनंद ने लक्ष्मण निषाद संवाद के कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जिसके जीवन में मानवता है वही संसार का सबसे मूल्यवान प्राणी है । जब भगवान राम ने निषाद को गले लगाया तो निषाद की आंख से आंसू की धारा बह चली किसी ने भगवान से पूछा कि भगवान आपने निषाद को क्यों गले लगाया तो भगवान ने इस समाज को यह संदेश दिया कि जब तक इस समाज से छोटे बड़े का भाव दूर नहीं होगा तब तक समाज में रामराज्य स्थापित करना मुश्किल है । कथा व्यास ने कहा कि अगर रामराज्य चाहिए तो झोपड़ी से लेकर छोटे से छोटे व्यक्तियों को गले लगा ले तभी परमात्मा की सच्ची सेवा पूजा हो सकती है और रामराज्य आ सकता है ।
इस अवसर पर बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी , सुधीर त्रिपाठी , अजय गुप्ता , यज्ञाध्यक्ष आचार्य दुर्गेश शास्त्री , त्रिपुरारी , सुरेश प्रजापति , सदानन्द शुक्ला , विनोद , गोपाल पाण्डेय , बदाऊ चौधरी , प्रेम नरायन पाण्डेय , विद्यासागर चौधरी , राम शंकर , राहुल पाण्डेय , लाल बिहारी , शुभ करन चौधरी , सुबास पाठक , आनंद शुक्ला , राम अनुज चौधरी , जय प्रकाश पाण्डेय आदि मौजूद रहें ।
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