मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के दौरान जिलों में कुछ गतिविधियों को शुरू करने का जिम्मा डीएम पर छोड़ दिया है। साथ ही आगाह किया है कि कोरोना संक्रमण वाले 19 संवेदनशील जिलों में, जहां दस या उससे ज्यादा संक्रमित हैं, पूरी सजगता व सतर्कता के साथ फैसला किया जाए। इन गतिविधियों में उद्योग, निर्माण कार्य, एक्सप्रेस वे व हाईवे निर्माण जैसे काम भी शामिल हैं।
19 जिले जहां दस से ज्यादा मामले वहां बरतें सावधानी
मुख्यमंत्री ने रविवार को डीएम और एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में ये निर्देश दिए। कहा कि स्थानीय स्थिति का आकलन कर निर्णय लें और शासन को अवगत कराएं। सीएम ने कहा कि यह निर्णय हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में किसी छूट के लिए लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के अनुपालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही व शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 19 ऐसे संवेदनशील जनपदों के जिलाधिकारी सजगता और सतर्कता के आधार पर निर्णय लें, जिनमें 10 या उससे अधिक के कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए हैं।
कमिश्नर-आईजी मंथन कर करेंगे फैसला
जिला स्तर पर कुछ औद्योगिक गतिविधियों में छूट दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त, डीआईजी, आईजी, एडीजी, एसपी, एसएसपी, जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारी, उद्यमी आदि परस्पर विचार-विमर्श कर निर्णय लें। भीड़ व अराजकता की स्थिति न पैदा होने पाए। शासन द्वारा किसानों की उपज को क्रय केन्द्रों के अलावा, उनके खेतों पर भी खरीदने की व्यवस्था की जाए।
प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च के अन्तिम दिनों में बाहर से प्रदेश में आए प्रवासी मजदूरों को भी उनके घरों में पहुंचाने की कार्यवाही की जाए। ये सभी क्वारंटीन की अवधि पूर्ण कर चुके हैं किन्तु फिर भी उन्हें होम क्वारंटीन किया जाए।
कोटा से लाए गए छात्रों के होम क्वारंटीन की व्यवस्था की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा में अध्ययनरत लगभग 8 हजार छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में वापस लाया गया है। इन सभी के होम क्वारंटीन की व्यवस्था की जाए। कोई भी नया व्यक्ति यदि बाहर से आता है, तो उसके मूवमेंट पर नजर रखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। हर गांव व कस्बे में स्वयंसेवकों की सहायता से यह कार्य किया जाए। ये वालण्टियर युवक मंगल दल, एनसीसी, एनएसएस, ग्राम चैकीदार, नेहरू युवा केन्द्र आदि के हो सकते हैं।
23 से रमजान, कहीं भीड़ एकत्र न होने पाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 23 अप्रैल 2020 से रमजान माह प्रारम्भ होने जा रहा है। इस संबंध में भी धर्मगुरुओं, मौलवियों व मौलानाओं से संवाद स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने पाए। सभी धार्मिक कार्य घर से ही सम्पन्न किए जाएं।
19 जिले जहां दस से ज्यादा मामले वहां बरतें सावधानी
मुख्यमंत्री ने रविवार को डीएम और एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में ये निर्देश दिए। कहा कि स्थानीय स्थिति का आकलन कर निर्णय लें और शासन को अवगत कराएं। सीएम ने कहा कि यह निर्णय हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में किसी छूट के लिए लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के अनुपालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही व शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 19 ऐसे संवेदनशील जनपदों के जिलाधिकारी सजगता और सतर्कता के आधार पर निर्णय लें, जिनमें 10 या उससे अधिक के कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए हैं।
कमिश्नर-आईजी मंथन कर करेंगे फैसला
जिला स्तर पर कुछ औद्योगिक गतिविधियों में छूट दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त, डीआईजी, आईजी, एडीजी, एसपी, एसएसपी, जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारी, उद्यमी आदि परस्पर विचार-विमर्श कर निर्णय लें। भीड़ व अराजकता की स्थिति न पैदा होने पाए। शासन द्वारा किसानों की उपज को क्रय केन्द्रों के अलावा, उनके खेतों पर भी खरीदने की व्यवस्था की जाए।
प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च के अन्तिम दिनों में बाहर से प्रदेश में आए प्रवासी मजदूरों को भी उनके घरों में पहुंचाने की कार्यवाही की जाए। ये सभी क्वारंटीन की अवधि पूर्ण कर चुके हैं किन्तु फिर भी उन्हें होम क्वारंटीन किया जाए।
कोटा से लाए गए छात्रों के होम क्वारंटीन की व्यवस्था की जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा में अध्ययनरत लगभग 8 हजार छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में वापस लाया गया है। इन सभी के होम क्वारंटीन की व्यवस्था की जाए। कोई भी नया व्यक्ति यदि बाहर से आता है, तो उसके मूवमेंट पर नजर रखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। हर गांव व कस्बे में स्वयंसेवकों की सहायता से यह कार्य किया जाए। ये वालण्टियर युवक मंगल दल, एनसीसी, एनएसएस, ग्राम चैकीदार, नेहरू युवा केन्द्र आदि के हो सकते हैं।
23 से रमजान, कहीं भीड़ एकत्र न होने पाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 23 अप्रैल 2020 से रमजान माह प्रारम्भ होने जा रहा है। इस संबंध में भी धर्मगुरुओं, मौलवियों व मौलानाओं से संवाद स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने पाए। सभी धार्मिक कार्य घर से ही सम्पन्न किए जाएं।
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