गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में पहली बार कोरोना के सही होने वाले मरीजों की संख्या कोरोना के संक्रिय मरीजों से ज्यादा हुई है। इसके लिए डीएम सुहास एल वाई ने ट्वीट कर लोगों को बधाई दी है। डीएम ने कहा कि जिले में कोरोना से सही होने वाले मरीजों की संख्या 54 हो गई है और कोरोना के सक्रिय केस वर्तमान में 49 है।
बता दें गुरुवार को जांच रिपोर्ट में एक भी मरीज के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई। 87 मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। साथ ही 10 मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों से इलाज के बाद घर भेज दिया गया। ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल से इलाज के बाद चार मरीज को घर भेजे दिया गया। शिशु अस्पताल मे तीन मरीजों का सफल इलाज किया गया। वहीं तीन मरीज अन्य अस्पताल से भेजे गए। अभी 49 मरीजों का इलाज चल रहा है।
सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि अब तक 2617 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इसमें से 103 में कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई है। पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। बुधवार को 126 में से 125 जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। अभी भी 200 से अधिक नमूनों की जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिली है।
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर जिले में अब प्रतिदिन 250 से अधिक लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने लक्ष्य तय करते हुए निर्देश जारी कर दिए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर गौतमबुद्ध नगर जिला प्रदेश के अति संवेदनशील जिलों में से एक है। अब यहां पर कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिऐ बड़े पैमाने पर सैंलिंग की जाएगी।
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए शासन स्तर से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारी जुटे हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत अब जिले में संदिग्ध लोगों के अधिक सैंपल लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच की जाएगी। सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में सैंनलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं और अब प्रतिदिन कम से कम 250 लोगों की सैंनलिंग कर उनकी कोरोना जांच कराई जाएगी ताकि संक्रमण न फैलने पाए।
शासन को प्रतिदिन जा रही है रिपोर्ट
नोएडा प्रारम्भ से ही कोरोना को लेकर बड़ा हॉटस्पॉट बना है। यहां से प्रतिदिन शासन को रिपोर्ट ली जा रही है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे लगातार यहां के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। उनके द्वारा सीज फायर कंपनी को लेकर की गई कार्रवाई के भी सार्थक परिणाम अब सामने आये हैं। यहां पर कोरोना का पहला मामला 8 मार्च को सामने आ गया था।
नोएडा प्रारम्भ से ही कोरोना को लेकर बड़ा हॉटस्पॉट बना है। यहां से प्रतिदिन शासन को रिपोर्ट ली जा रही है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे लगातार यहां के हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। उनके द्वारा सीज फायर कंपनी को लेकर की गई कार्रवाई के भी सार्थक परिणाम अब सामने आये हैं। यहां पर कोरोना का पहला मामला 8 मार्च को सामने आ गया था।
एक हजार रेपिड टेस्ट किट वापस भेजी जा चुकीं
नोएडा में पूर्व में शासन ने एक हजार रेपिड टेस्ट किट भेजी थी जिनके माध्यम से हॉटस्पॉट वाले इलाकों में जांच की जानी थी लेकिन इन किट से सही से जांच अभियान प्रारंभ भी नहीं हो पाई थी कि शासन ने इन सभी किट से जांच पर रोक लगा दी और उन्हें वापस मंगा लिया। इन जांच किट की विश्वसनीयता पर ही सवालिया निशान लग गए थे।
नोएडा में पूर्व में शासन ने एक हजार रेपिड टेस्ट किट भेजी थी जिनके माध्यम से हॉटस्पॉट वाले इलाकों में जांच की जानी थी लेकिन इन किट से सही से जांच अभियान प्रारंभ भी नहीं हो पाई थी कि शासन ने इन सभी किट से जांच पर रोक लगा दी और उन्हें वापस मंगा लिया। इन जांच किट की विश्वसनीयता पर ही सवालिया निशान लग गए थे।
जांच बढ़ाने के दिए गए हैं निर्देश: डीएम
जिलाधिकारी सुहास एल.वाई ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देकर कहा है कि कोरोना की जांच बढ़ाई जाए और कोरोना के संदिग्ध दिखने वाले लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाए और रेंडम सैंपलिंग भी कराई जाए। इसके अलावा जो डिलीवरी ब्वाय घरों पर सामान की सप्लाई कर रहे हैं उनके भी सैंपल लेकर जांच कराई जाए।
जिलाधिकारी सुहास एल.वाई ने कहा कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देकर कहा है कि कोरोना की जांच बढ़ाई जाए और कोरोना के संदिग्ध दिखने वाले लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाए और रेंडम सैंपलिंग भी कराई जाए। इसके अलावा जो डिलीवरी ब्वाय घरों पर सामान की सप्लाई कर रहे हैं उनके भी सैंपल लेकर जांच कराई जाए।
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