कोरोना के कहर के बीच अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औंधेमुंह गिर गई हैं। अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत सोमवार को जीरो डॉलर के नीचे चली गई यानी प्राइस निगेटिव हो गई। इससे भारत के आम लोगों में एक उम्मीद जगी कि आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के रेट कम होंगे । लेकिन, बुधवार को ही पेट्रोल की कीमतों में लगभग 6 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो गई, वहीं डीजल 5 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया। पेट्रोल-डीजल के रेट में भारी बढ़ोत्तरी करने वाला राज्य है असम। राज्य के वित्त (कराधान) विभाग द्वारा मंगलवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की गई।
असम मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के तहत प्रमुख सचिव समीर कुमार सिन्हा द्वारा जारी अधिसूचना 22 अप्रैल को सुबह 12:00 बजे से प्रभावी हो गई है। इसके बाद अब असम में पेट्रोल की कीमत 71.61 रुपये से बढ़कर 77.46 रुपये प्रति लीटर हो गई। डीजल की कीमत 65.07 रुपये से बढ़कर 70.50 रुपये हो गई। कोविड -19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का दबाव है।
असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम को तेल की बिक्री से रॉयल्टी के रूप में औसतन 166 करोड़ रुपये मिलते हैं, लेकिन कीमतें कम होने के कारण यह आंकड़ा 50 करोड़ रुपये प्रति माह से कम होगा। वहीं अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों में कमी के कारण, यह उस राशि को प्रभावित करेगा जो असम को ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड से तेल के लिए रॉयल्टी के रूप में मिलती है। यह बढ़ोत्तरी अस्थायी उपाय और कोरोनोवायरस संकट खत्म होते ही रोल बैक होगा। ''
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