डीजीपी का निर्देश, जागरूकता के लिए लगाएं जाएंगे पोस्टर
सिद्धार्थनगर। लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधियों ने भी ठगी का तरीका बदल दिया है। अब वह पीएम राहत फंड, मोबाइल रिचार्ज, वाहन पास और होम डिलीवरी के नाम पर आपके बैंक खाते की रकम साफ करने के हथकंडे अपना रहे हैं। ठगों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक करेगी। ठगी को रोकने के लिए पुलिस बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन सहित मुख्य स्थानों पर पोस्टर लगाएगी।
इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग ने लोगों का काम तो आसान कर दिया है। लेकिन अपराधियों को कमाई का नया जरिया भी दे दिया है। साइबर अपराध से जुड़े अपराधी लोगों को लुभावने वादे देकर पल भर में उनकी गाढ़ी कमाई उड़ा लेते हैं। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो लॉकडाउन के बाद साइबर ठगी के मामले बढ़े हैं। अपराधियों ने अब अपराध का तरीका थोड़ा बदल दिया है। साइबर अपराध के बढ़ते मामले को रोकने के लिए डीजीपी ने पत्र जारी करके लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है जिससे साइबर ठगी के मामले में कमी आए और लोग ठगी का शिकार होने से बचें। इसमें पुलिस द्वारा ठगी के प्रकार से सावधान करने वाला स्लोगन और पोस्टर लगाने का निर्देश हुआ है। माना जा रहा है कि जागरूकता से ठगी की घटनाओं में कमी आएगी और लोग जागरूक होंगे। एसपी विजय ढुल ने बताया कि पत्र आया है। सभी थानों को निर्देशित कर दिया गया है। लोगों को साइबर ठगी के बारे में जागरूक किया जाएगा।
यह है ठगी का नया तरीका
साइबर ठगों द्वारा इस प्रकार से ठगी किया जा रहा है। ईएमआई में छूट देने के नाम पर ठगी, प्रधानमंत्री केयर फंड के नाम पर ठगी, फेसबुक मैसेंजर के जरिए ठगी, केवाईसी अपडेट के माध्यम से ठगी, राशन वितरण, बेरोजगारी भत्ता के नाम पर ठगी रोजमर्रा के सामान की डिलीवरी के नाम पर ठगी, मेडिकल एक्सपर्ट की जानकारी देने के नाम पर ठगी, सरकारी योजनाओं की सब्सिडी के नाम पर ठगी कर रहे हैं। अगर इस प्रकार से जुड़े मामले में कोई ऑनलाइन भुगतान की बात करता तो सवधान हो जाएं। नहीं तो आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। अगर ऐसे कोई करता है या फिर कॉल आती है तो तत्काल पुलिस को सूचित करें।
इसका अधिक इस्तेमाल
ठगी करने में सबसे अधिक उपयोग फ्री मोबाइल रिचार्ज के नाम पर हो रहा है। ठगों द्वारा एक लिंक भेजा जा रहा है, जिसमें क्लिक करते ही रिचार्ज होने के लुभावने वादे दिए जाते हैं। जैसे आप क्लिंक करेंगे सारा डाटा चोरी हो जाएगा। इसके बाद बैंक खाते डिटेज के जरिए आपके खाते से पैसे उड़ा देंगे। इसके अवाला मैसेंजर के जरिए ठगी की जा रही है। इसमें फेसबुक पर आपके सबसे करीबी मित्र की आईडी हैक करेंगे। फोटो और जन्म तिथि अपडेट करेंगे। इसके बाद बीमार होने या फिर दुर्घटना होने की हवाला देकर रुपये मांगे रहे हैं। इसके अलावा पीएम केयर फंड में जमा करने के नाम पर ठगी की जा रही है।
बोले एक्सपर्ट
सर्विलांस और साइबर के एक्सपर्ट आरक्षी दिलीप कुमार द्विवेदी बताते हैं कि साइबर अपराधी ठगी के नए तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर बैंक खाते का नंबर अपडेट, एटीएम नंबर अपडेट करने के लिए लिंक आता है। या फिर कोड मांगा जाता है तो पिन नंबर कभी न बताएं क्योंकि कोई बैंककर्मी आपके पास फोन नहीं करेगा। इस समय मैसेंजर से ठगी की वारदात बढ़ी है। अगर आपसे कोई बीमारी का हवाला देकर रुपये मांगता है तो उसका पूरा डिटेल मांगें। बैंक खाता मांगें। साथ ही इस मामले की जानकारी पुलिस को दें। ऐसा करने से साइबर ठगी से बच सकेंगे।
सिद्धार्थनगर। लॉकडाउन के दौरान साइबर अपराधियों ने भी ठगी का तरीका बदल दिया है। अब वह पीएम राहत फंड, मोबाइल रिचार्ज, वाहन पास और होम डिलीवरी के नाम पर आपके बैंक खाते की रकम साफ करने के हथकंडे अपना रहे हैं। ठगों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक करेगी। ठगी को रोकने के लिए पुलिस बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन सहित मुख्य स्थानों पर पोस्टर लगाएगी।
इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग ने लोगों का काम तो आसान कर दिया है। लेकिन अपराधियों को कमाई का नया जरिया भी दे दिया है। साइबर अपराध से जुड़े अपराधी लोगों को लुभावने वादे देकर पल भर में उनकी गाढ़ी कमाई उड़ा लेते हैं। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट पर गौर करें तो लॉकडाउन के बाद साइबर ठगी के मामले बढ़े हैं। अपराधियों ने अब अपराध का तरीका थोड़ा बदल दिया है। साइबर अपराध के बढ़ते मामले को रोकने के लिए डीजीपी ने पत्र जारी करके लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है जिससे साइबर ठगी के मामले में कमी आए और लोग ठगी का शिकार होने से बचें। इसमें पुलिस द्वारा ठगी के प्रकार से सावधान करने वाला स्लोगन और पोस्टर लगाने का निर्देश हुआ है। माना जा रहा है कि जागरूकता से ठगी की घटनाओं में कमी आएगी और लोग जागरूक होंगे। एसपी विजय ढुल ने बताया कि पत्र आया है। सभी थानों को निर्देशित कर दिया गया है। लोगों को साइबर ठगी के बारे में जागरूक किया जाएगा।
यह है ठगी का नया तरीका
साइबर ठगों द्वारा इस प्रकार से ठगी किया जा रहा है। ईएमआई में छूट देने के नाम पर ठगी, प्रधानमंत्री केयर फंड के नाम पर ठगी, फेसबुक मैसेंजर के जरिए ठगी, केवाईसी अपडेट के माध्यम से ठगी, राशन वितरण, बेरोजगारी भत्ता के नाम पर ठगी रोजमर्रा के सामान की डिलीवरी के नाम पर ठगी, मेडिकल एक्सपर्ट की जानकारी देने के नाम पर ठगी, सरकारी योजनाओं की सब्सिडी के नाम पर ठगी कर रहे हैं। अगर इस प्रकार से जुड़े मामले में कोई ऑनलाइन भुगतान की बात करता तो सवधान हो जाएं। नहीं तो आप ठगी का शिकार हो सकते हैं। अगर ऐसे कोई करता है या फिर कॉल आती है तो तत्काल पुलिस को सूचित करें।
इसका अधिक इस्तेमाल
ठगी करने में सबसे अधिक उपयोग फ्री मोबाइल रिचार्ज के नाम पर हो रहा है। ठगों द्वारा एक लिंक भेजा जा रहा है, जिसमें क्लिक करते ही रिचार्ज होने के लुभावने वादे दिए जाते हैं। जैसे आप क्लिंक करेंगे सारा डाटा चोरी हो जाएगा। इसके बाद बैंक खाते डिटेज के जरिए आपके खाते से पैसे उड़ा देंगे। इसके अवाला मैसेंजर के जरिए ठगी की जा रही है। इसमें फेसबुक पर आपके सबसे करीबी मित्र की आईडी हैक करेंगे। फोटो और जन्म तिथि अपडेट करेंगे। इसके बाद बीमार होने या फिर दुर्घटना होने की हवाला देकर रुपये मांगे रहे हैं। इसके अलावा पीएम केयर फंड में जमा करने के नाम पर ठगी की जा रही है।
बोले एक्सपर्ट
सर्विलांस और साइबर के एक्सपर्ट आरक्षी दिलीप कुमार द्विवेदी बताते हैं कि साइबर अपराधी ठगी के नए तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर बैंक खाते का नंबर अपडेट, एटीएम नंबर अपडेट करने के लिए लिंक आता है। या फिर कोड मांगा जाता है तो पिन नंबर कभी न बताएं क्योंकि कोई बैंककर्मी आपके पास फोन नहीं करेगा। इस समय मैसेंजर से ठगी की वारदात बढ़ी है। अगर आपसे कोई बीमारी का हवाला देकर रुपये मांगता है तो उसका पूरा डिटेल मांगें। बैंक खाता मांगें। साथ ही इस मामले की जानकारी पुलिस को दें। ऐसा करने से साइबर ठगी से बच सकेंगे।
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