कोरोना वायरस महामारी के बीच मुसलमानों का सबसे पवित्र महीना रमज़ान शुरू हो गया है.
अरब देशों में आज यानी 24 अप्रैल से रोज़े की शुरूआत हो गई है, जबकि भारत में यह आज शाम से शुरू होगा. दरअसल दुनियाभर के मुस्लिमों के लिए रमज़ान का महीना इबादतों भरा होता है.
मालूम हो कि रमज़ान में मुसलमान सुबह सवेरे उठते हैं और सेहरी करते हैं और शाम को सूरज डूबने के बाद रोज़ा खोलते हैं, जिसे इफ्तार कहा जाता है. पहले के सालों में मस्जिदों में गरीबों के लिए इफ्तार का इंतज़ाम होता था, जहां सभी साथ बैठकर रोज़ा खोलते थे, लेकिन महामारी के चलते अब ये होना मुमकिन नहीं.
कोरोना की वजह से इस बार हालात अलग!
अपने रब की रज़ा के लिए तमाम मुसलमान इस महीने में रोज़ा रखते हैं. नमाज़ों की पाबंदी पहले से ज्यादा होती है. साथ ही खास नमाज़ जिसे तरावीह कहते हैं, वो भी चांद देखने के साथ ही शुरू हो जाती है.
लेकिन इस बार लोगों को घरों में रह कर हर तरह की इबादत करनी होगी. मस्जिद में नमाज़ अदा करने की सूरत में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर सेकेंगे.
धर्म गुरूओं की अपील!
तमाम देशों की सरकारों के अलावा मुस्लिम धर्म गुरू भी लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि रमज़ान के दौरान घर पर रह कर ही इबादत करें.
WHO ने दी ये सलाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी रमज़ान को लेकर खास सलाह दी है. संगठन ने कहा है कि जहां भी मुमकिन हो, लोग वर्चुअल रास्तों के ज़रिए सामाजिक और धार्मिक चीज़ों के लिए साथ जुड़ें.
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.