कोरोना को भगाने में मेडिकल स्टोर संचालक निभाएंगे भूमिका दुकानदार जुकाम, बुखार और खांसी की दवा लेने वालों की बनाएंगे सूची
नाम, पता, मोबाइल नंबर भी दर्ज करेंगे दुकान के संचालक
शासन के पोर्टल पर हर दिन शाम को पांच बजे सूची करेंगे अपडेट
श्याम सुंदर तिवारी
सिद्धार्थनगर। अब बीमारी छुपाने वाले बच नहीं पाएंगे क्योंकि कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों की पहचान करने में मेडिकल स्टोर संचालक अहम भूमिका निभाएंगे। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए शासन ने मेडिकल स्टोर संचालकों से सहयोग लेने का निर्णय लिया है। खांसी, जुकाम, बुखार और चेस्ट से संबंधित बीमारी की दवा लेने वाले का पूरा ब्योरा मेडिकल स्टोर संचालक को तैयार करना होगा। इसके बाद शासन की ओर से जारी किए गए पोर्टल पर हर दिन शाम पांच बजे तक सूची अपडेट करना होगा। माना जा रहा है कि इनका सहयोग लेने से संक्रमित होने वाले संदिग्धों की समय से जानकारी मिल सकेगी। इससे बीमारी फैलने से पहले ही लगाम लगाया जा सकेगा।
कोरोना के संक्रमित की संख्या में आए दिन हो रहे इजाफा को देखते हुए सरकार हर प्रयोग कर रही है, जिससे की लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सके। मगर कुछ लोग ऐसे हैं जो बीमारी छुपाकर अन्य लोगों की जिंदगी को खतरे में डालने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पहचान का शासन ने नया तरीका अपनाया है। कोरोना को मात देने और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान हो, इसलिए मेडिकल स्टोर संचालकों का सहारा लेने का निर्णय लिया है। शासन ने एक पोर्टल जारी किया है। इस तैयार की गई सूची को हर दिन शाम पांच बजे अपडेट किया जाएगा। इससे शासन मॉनिटरिंग करेगा और स्वास्थ्य विभाग की टीम जानकारी लेगी कि कोई संक्रमित व्यक्ति तो नहीं है या फिर सामान्य बीमारी है। इससे संक्रमण को रोकने में सहूलियत मिलेगी। ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. मोहित कुमार ने कहा कि शासन स्तर से पत्र आया था। सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को निर्देश दे दिया गया है। साथ ही उन्हें आरोग्य सेतु एप इंस्टाल करने के लिए निर्देश दिया गया है।
इनकी तैयार होगी सूची
मेडिकल स्टोर संचालक एक रजिस्टर तैयार करेंगे। इसमें उन्हें हर दिन बुखार, खांसी, जुकाम और चेस्ट संबंधित बीमारी की दवा लेने वाले रोगी का नाम, मोबाइल नंबर, थाना और गांव के बारे में जानकारी लेंगे। इसके बाद उसे शाम को शासन की ओर से जारी किए गए पोर्टल पर अपडेट करेंगे।
समय रहते जांच कराई जा सकेगी
शासन ने यह निर्णय इसलिए लिया है कि बीमारी होने वाला हर व्यक्ति या फिर उसके परिवार का सदस्य मेडिकल स्टोर पर दवा लेने के लिए जरूर जाता है। ऐसे में अगर बुखार, खांसी, जुकाम, सीने में दर्द आदि की दवा कोई लेगा तो उसके बारे में जानकारी मिल जाएगी। उसके बारे में जानकारी मिल जाएगी कि कहीं वह कोरोना संक्रमित व्यक्ति के आसपास से तो नहीं आया है। या फिर महानगर से लौटा है। अगर ऐसे सीधे उस व्यक्ति से संपर्क किया जाएगा और समय रहते जांच कराई जाएगी।
जिले में हैं 900 से अधिक मेडिकल स्टोर
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 900 से अधिक मेडिकल स्टोर पंजीकृत हैं। जहां हर दिन कम से कम 100 व्यक्ति दवा लेने के लिए आते हैं। ऐसे में मेडिकल स्टोर संचालकों का सतर्क होना काफी लाभदायक होगा।
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