अयोध्या क्षेत्र से शिक्षक विधायक ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने बुधवार को उसका स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान शासन द्वारा माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों के बच्चों की ऑनलाइन क्लॉसेज शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं जबकि यहां पढ़ने वाले अधिकांश बच्चों के पास न तो स्मार्टफोन है और न ही इंटरनेट की सुविधा। ऐसे में ऑनलाइन शिक्षण से भारी संख्या में छात्र शिक्षा से वंचित रह जाएंगे जो बच्चों की शिक्षा पाने के मूल अधिकार के विपरीत है।
ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि बच्चों को बिना संसाधन मुहैया कराए अचानक ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था लागू करना इन्हें शिक्षा से वंचित रखने का कुचक्र है। आनन-फानन ऑनलाइन पढ़ाई की इस व्यवस्था के विरोध में उप्र माध्यमिक शिक्षक ने शिक्षा मंत्री को पत्र भेजा है। शिक्षक विधायक ने ने कहा कि माध्यमिक स्कूलों में गांव गरीब के बच्चे पढ़ते हैं, इनके पास फीस जमा करने और किताबें खरीदने तक के रुपये बड़ी मुश्किल से जुट पाते है। ऐसे में स्मार्ट फोन खरीद कर और महंगा इंटरनेट डाटा भराकर बच्चे कैसे पढ़ाई करेंगे। शिक्षक भी ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए ट्रेंड नहीं है। ऐसे में सरकार व विभाग द्वारा ऑनलाइन शिक्षण से बच्चों की पढ़ाई कराने का फरमान केवल हवा हवाई साबित होंगे। इससे बच्चों के भविष्य बर्बाद होगा। बता दें कि माध्यमिक व प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को व्हाट्स एप वर्चुअल क्लासेज के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। मांग किया कि पहले बच्चो को ऑनलाइन शिक्षण के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराया जाए और शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षण की विधि की ट्रेनिंग दी जाए। तभी ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था सफल होगी।
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