राजधानी दिल्ली में शुक्रवार देर शाम चांद नजर आया। इसके साथ ही माह-ए-रमजान की शुरुआत हो गई।कोरोना वायरस से बचाव के लिए घोषित बंदी के बीच रोजेदार शनिवार को पहला रोजा रखेंगे।
घरों से ही पढ़ी गई तारावाही की नमाज -
दिल्ली में अजान के बाद चांद देखा गया, जिसके बाद माह-ए-रमजान की घोषणा की गई। वहीं इसके बाद तारावाही की नमाज की पंरपरा शुरू की गई, लेकिन इस बार तारावही की नमाज मस्जिदों में ना पढ़ते हुए घरों से ही अता हुई। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ मुफ्ती मुकर्रम के अनुसार चांद दिखाई दिया गया है, इसके साथ ही माह-ए-रमजान की शुरुआत हो गई है। इस बार कोरोना वायरस की वजह से पांबदियां लगाई गई है, जिसका पालन करते हुए सभी को घरों से तारावाही की नमाज के लिए मस्जिद में न आते हुए इसे अपने घरों से ही पढ़ने के लिए कहा गया था। इफ्तार व सेहरी के लिए मस्जिदों में जुटने की भी मनाही की गई है।
दिल्ली में अजान के बाद चांद देखा गया, जिसके बाद माह-ए-रमजान की घोषणा की गई। वहीं इसके बाद तारावाही की नमाज की पंरपरा शुरू की गई, लेकिन इस बार तारावही की नमाज मस्जिदों में ना पढ़ते हुए घरों से ही अता हुई। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ मुफ्ती मुकर्रम के अनुसार चांद दिखाई दिया गया है, इसके साथ ही माह-ए-रमजान की शुरुआत हो गई है। इस बार कोरोना वायरस की वजह से पांबदियां लगाई गई है, जिसका पालन करते हुए सभी को घरों से तारावाही की नमाज के लिए मस्जिद में न आते हुए इसे अपने घरों से ही पढ़ने के लिए कहा गया था। इफ्तार व सेहरी के लिए मस्जिदों में जुटने की भी मनाही की गई है।
रमजान के दौरान घर पर ही नमाज पढ़ें। साथ ही नमाज के लिए पड़ोसियों को घर पर नहीं बुलाएं। नमाज के दौरान सुनिश्चित करें कि एक कमरे में तीन से अधिक लोग न हों।ऐसे प्रयासों से ही हम महामारी को खत्म कर पाएंगे।
- सैयद अहमद बुखारी, शाही इमाम, जामा मस्जिद
- सैयद अहमद बुखारी, शाही इमाम, जामा मस्जिद
पांच वक्त और जुमे की नमाज घर से अदा की जा सकती है, तो रमजान में होने वाली नमाज और कार्यक्रम भी घरों में रहकर किए जा सकते हैं। विपरीत समय और मजबूरी में मस्जिदों में न आकर घर से नमाज पढ़ी जा सकती है। यह जायज है।
- डॉ. मुफ्ती मुकर्रम, शाही इमाम, फतेहपुरी मस्जिद
- डॉ. मुफ्ती मुकर्रम, शाही इमाम, फतेहपुरी मस्जिद
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