रामजन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का विधिवत शुभारम्भ करने की तैयारियों पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। वह इसलिए नहीं कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन घोषित है बल्कि इसलिए कि देश भर के संत व कारसेवकों का आग्रह है कि राम मंदिर निर्माण गुपचुप न किया जाए। इससे पहले रामजन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारी अपनी ही योजना में उलझ गए। निर्धारित समय में मंदिर निर्माण कराने की योजना में आ रहे अवरोध से व्यथित ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने देश के विशिष्ट संतों और स्वयंसेवकों व कारसेवकों को भरोसे में लेने की एक कोशिश शुरू की थी लेकिन यह कोशिश ही गले की हड्डी बन गई।
मालूम हो कि कोरोना की वैश्विक महामारी के भारत में प्रवेश से पहले ही रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला को परिसर में नियत स्थल पर प्रतिष्ठित कराकर यथाशीघ्र मंदिर निर्माण कार्य शरू कराने की योजना बनाई गई थी। इस योजना में चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन रामलला को नये भवन में प्रतिष्ठित करने और बैसाख नवरात्र की सप्तमी पर्व पर 30 अप्रैल को भूमि पूजन के साथ निर्माण शुरू करने का निर्णय किया गया था। इस योजना पर अमल से पहले ही कोरोना का देश में प्रवेश हो गया और केन्द्र ने बड़ा फैसला लेते हुए 25 मार्च से लाकडाउन घोषित कर दिया।
इस अप्रत्याशित निर्णय के बीच किन्तु-परन्तु करते हुए विराजमान रामलला को उनके नये भवन में प्रतिष्ठित तो कर दिया गया लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा देश के दूसरे कद्दावर संत आयोजन मे शामिल नहीं हो पाए।
सभी संतों और रामभक्त कारसेवकों को इसका बड़ा मलाल है। यद्यपि कि सभी मानते है कि इसमें परिस्थितियों का ही दोष है लेकिन अब सब दूसरा मौका गंवाना नहीं चाहते हैं। इसका इजहार संतों ने ट्रस्ट के समक्ष किया। खास बात यह है कि ट्रस्ट ने खुद यह मौका उपलब्ध भी कराया। दर असल लाकडाउन में उलझे ट्रस्ट के महासचिव श्रीराय ने देश के चुनिंदा संतों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भरोसे में लेकर 30 अप्रैल को भूमि पूजन कराने मंशा पाले हुए थे। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पीएम नरेन्द्र मोदी व संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जानी थी।
ट्रस्ट के महासचिव श्रीराय ने स्वयं ही मीडिया के समक्ष स्वीकार किया कि उन्होंने देश के 20 श्रेष्ठ संतों के विचार लिए जिनमें अन्तरराष्ट्रीय संत मुरारी बापू, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद, युगपुरुष स्वामी परमानंद, जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, स्वामी अविचल दिस व गोविंद पुरी आदि शामिल हैं। श्रीराय ने कहा कि सभी का मानना है कि देश की विषम परिस्थिति के बीच राम मंदिर निर्माण का उत्सव मनाना ठीक नहीं होगा। ऐसी स्थिति में देश की परिस्थितियां सामान्य होने तक भूमि पूजन स्थगित करने का निर्णय लिया जा रहा है
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