उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सीएमओ और उनकी टीम को कोरोना महामारी की रोकथाम में अक्षम करार देते हुए लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर सीएमओ डॉ. सीमा राय और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एमएच खान के दूसरे जिले में स्थानांतरण करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक का आरोप है कि सिद्धार्थनगर की चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। जिले के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बाहर से आए मजदूरों की स्वास्थ्य जांच की समुचित व्यवस्था नहीं है इसका जिम्मेदार सीएमओ डॉ. सीमा राय को मानते हैं।
जिला कोरोना नोडल अधिकारी का जिम्मा संभाल रहे डॉ. अतहर उजैर पर आरोप लगाया कि जिला संयुक्त अस्पताल से पांच सौ मीटर दूरी पर उनका निजी अस्पताल है। उन्हें अपने निजी अस्पताल से फुर्सत नहीं मिलती इस कारण वह ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों का भ्रमण नहीं करते।
डा. एम डब्ल्यू खान को जिले का नोडल अधिकारी बनाया गया है। आरोप है कि सीएमओ ने उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुनियांव का प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी सहित कई महत्वपूर्ण पद दिए हैं। सरकार की ओर से टीबी मरीजों को पोषण भत्ता और ट्रीटमेंट सपोर्टर की मद में सरकार ने अब तक 3.20 करोड़ रुपये जारी किया है।
आरोप है कि इसमें से कुछ धन आशा बहुओं और कुछ टीबी मरीजों को देकर बाकी धन सीएमओ और डीटीओ ने बंदरबांट कर लिया है। आशा बहुओं के लिए एक वर्ष पूर्व बढ़ाई गई प्रोत्साहन राशि 90 फीसदी आशाओं को आज तक नहीं मिली है।
एमडीआर मरीजों की सुविधा के लिए जिले में डीआरटीबी अस्पताल चालू करने के लिए सरकार ने काफी बजट दिया लेकिन डीटीओ ने आज तक इस अस्पताल का संचालन नहीं किया और अस्पताल के लिए मिले बजट का बंदरबांट कर लिया गया। एमडीआर मरीजों का इलाज लॉकडाउन के कारण बंद है।
सीएमओ और डीटीओ पर स्वास्थ्य कर्मचारी से लगातार अभद्र व्यवहार करने और प्रताणित करने के लिए झूठी रिपोर्ट शासन को भेजने का आरोप भी लगाया है। इन अधिकारियों के व्यवहार से सभी विभागों के कर्मचारी संगठनों में रोष व्याप्त है और कभी भी आंदोलन हो सकता है।
इन आरोपों के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि सीएमओ और डीटीओ को जिले के बाहर स्थानांतरित किया जाए जिससे कोरोना महामारी के दौरान जिले की जनता को समुचित स्वास्थ्य लाभ मिल सके और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।
सिद्धार्थनगर सीएमओ डॉ. सीमा राय ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बाहर से आने वालों की जांच हर स्तर पर मुस्तैदी से की जा रही है। जिला कोरोना का नोडल अधिकारी डॉ. उजैर अतहर नहीं बल्कि डॉ. एके आजाद हैं।
डीटीओ के खिलाफ शिकायत का आधार कुछ और ही है। मेरी प्राथमिकता लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना और कोरोना संक्रमण से जिले की जनता को बचाना है, इसके लिए मैं और मेरी सभी टीमें दिन रात काम कर रहे हैं।
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. एम डब्ल्यू खान ने बताया कि खुनियांव ब्लॉक का स्वास्थ्य पिछले वर्ष कायाकल्प अवार्ड में प्रदेश में प्रथम रहा था। पिछले पांच वर्ष से सिद्धार्थनगर टीबी उपचार मामले में अंतिम रैंक यानी 75वें नंबर पर था। मैने नवंबर 2019 को डीटीओ पद संभाला और मार्च 2020 में जिले की रैंक प्रदेश में 49 पहुंच गई।
यह सब स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज है। स्वास्थ्य कर्मी से अभद्रता का आरोप भी झूठा पाया गया, बावजूद इसके इस तरह की शिकायतें कर मानसिक प्रताड़ना ही दी जा रही है। टीबी मरीजों के पोषण खर्च हो या टीकाकरण कार्यक्रम सबमें प्रदेश के टॉप दस जिलों में खुनियांव स्वास्थ्य केंद्र शामिल है।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.