जानकार कह रहे हैं कि कोरोना महामारी की वजह से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए आने वाला समय मुश्किल भरा होगा, ऐसे में सेना के वेतन में बढ़ोत्तरी का बोझ इमरान ख़ान सरकार कैसे वहन करेगी.
पत्र में प्रस्ताव दिया गया है कि 2016 से 2019 के दौरान सेना के जवानों और अधिकारियों के वेतन में अस्थाई वृद्धि यानी एडहॉक एलाउंस को उनके मूल वेतन में स्थाई तौर पर जोड़ दिया जाए और इसके बाद वेतन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाए.
पाकिस्तान की सेना को साल 2016, 2017 और 2018 के वित्तीय बजट में 10-10 फ़ीसदी का एडहॉक रिलीफ़ दिया गया था. 2019-20 के वित्त वर्ष में ये रिलीफ़ पांच फ़ीसदी था. इसके अलावा 2018 में 'अल्मीज़ान' रिलीफ़ फंड भी 10 फ़ीसदी दिया गया था.
इससे पहले 2015 में भी सेना के पिछले कुछ सालों के एडहॉक फंड को वेतन का हिस्सा बनाकर कुल वेतन में वृद्धि की गई थी. 2015 के बाद मूल वेतन में किसी भी बजट में वृद्धि नहीं की गई बल्कि केवल एडहॉक रिलीफ़ ही दिया गया है.
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