सिद्धार्थनगर जिला ऑरेंज जोन में है। यहां पर भी शासन की गाइड लाइन के अनुसार ऑरेंज जोन की सुविधा मिलनी चाहिए थी पर सोमवार को वह नदारद रही। नई गाइड लाइन के अनुसार सिर्फ शराब की दुकानें खुलीं जिस पर भीड़ टूट पड़ी। शहर में जितनी भी शराब चाहे देशी हो या अंग्रेजी सुबह नौ बजे से ही लाइन लग गई थी। दुकानों को 10 बजे से खुलना था पर प्रशासन की अनुमति देर से मिलने पर 11 बजे के आसपास दुकानें खुल सकीं। शराब की दुकानों पर सुबह नौ बजे से ही शौकीनों ने लाइन लगा दी थी। एक भी ऐसी दुकान नहीं थी जहां सौ से कम लोगों की भीड़ रही हो।
कुछ बना गए गोले में खड़े थे तो कुछ भीड़ बढ़ने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भूल गए। एक ओर जहां शराब की दुकानों पर भीड़ उमड़ी थी वहीं किराना की दुकानों पर इक्का-दुक्का ही नजर आए। शहर में किराना के प्रमुख व्यवसायी मोहित मित्तल का कहना है कि पहले दो लॉकडाउन के दौरान शुरुआती दिनों में कुछ भीड़ दिखती थी पर धीरे-धीरे नदारद हो गई।
कई दिन का स्टॉक खरीदते दिखे शौकीन
शराब की दुकानें सोमवार को 41वें दिन खुलीं तो लोग टूट पड़े। स्थिति यह रही कि ज्यादातर लोगों ने एक का नहीं कई दिनों का स्टॉक ले लिया। उन्हें डर है कि कही फिर से बंदी न हो जाए और उन्हें शराब के एक कतरा के लिए तरसना पड़े।
बाकी दुकानों पर लटका रहा ताला
ऑरेंज जोन में जितनी दुकानों को खुलने की अनुमति है उनमें से शराब को छोड़ कर एक भी दूसरी दुकानें सोमवार को नहीं खुलीं। प्रशासन की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं किए जाने से दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय कसौधन ने कहा कि प्रशासन का कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है इसलिए दुकानें बंद हैं।
ऑरेंज जोन में जितनी दुकानों को खुलने की अनुमति है उनमें से शराब को छोड़ कर एक भी दूसरी दुकानें सोमवार को नहीं खुलीं। प्रशासन की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं किए जाने से दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय कसौधन ने कहा कि प्रशासन का कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है इसलिए दुकानें बंद हैं।
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