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सिद्धार्थनगर। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए महानगरों से आने वालों को क्वारंटीन हाउस में रखा जा रहा है। जिससे लोग परिवार और गांव के लोगों के संपर्क में न आएं। साथ ही अन्य लोगों भी संक्रमित होने से बचाया जा सके। महानगरों से आने वालों की तादाद को देखते हुए प्रशासन ने प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को क्वारंटीन हाउस में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही यह भी खाका तैयार कर लिया गया है कि किसी हिसाब से इन विद्यालयों पर ड्यूटी लगाई जाएगी। इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक नोडल अधिकारी नामित होंगे। उनके जिम्मे विद्यालय में शिफ्ट किए गए लोगों की जिम्मेदारी होगी। कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या में आए दिन इजाफा हो रहा है। लॉकडाउन के बाद भी शहरों से आने वालों की संख्या बढ़ रही है। अभी तक इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज को क्वारंटीन हाउस के रूप में उपयोग किया जा रहा है। महानगरों से लौटने वालों को उसी में रखा जा रहा है। मगर सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों के लाने के निर्णय के बाद भीड़ बढऩे का अनुमान है। ऐसे में लोग संक्रमित न हो और सुरक्षति रहें। इसके मददेनजर प्रशासन अपने स्तर से तैयारी में जुट गया है। लोग खतरे में न पड़े इससे बचने के लिए गांव की शिक्षा मंदिर कहे जाने वाले प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय को क्वारंटीन हाउस में विकासित करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके बाद बाहर से आने वाले लोगों को उनके गांव के विद्यालय में रखा जाएगा। डीएम दीपक मीणा ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों को क्वारंटीन हाउस बनाने के लिए निर्देश दिया गया है। जरुरत पडऩे पर क्वारंटीन हाउस के रूप में उपयोग में लाया जाएगा। --- विद्यालय के प्रधानाध्यापक को होंगे नोडल अधिकारी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय के क्वारंटीन हॉउस में विकसित होने के बाद उसे संचालन की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक के जिम्मे होगी। वही वहां के नोडल अधिकारी बनाएं जाएंगे। उनके साथ ही व्यवस्था के चलाने के लिए दो-दो सहायक शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक रोटेशन के अनुसार 14 दिन ड्यूटी करेंगे। --- प्रशासन को मिलेगी राहत प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय के क्वारंटीन हाउस में विकसित होने से व्यवस्था सही चलेगी। साथ ही प्रशासन को भी राहत मिलेगी। कारण जब व्यक्ति गांव के विद्यालय पर रहेगा तो उसे परेशानी महसूस नहीं होगी। साथ ही परिवार और गांव के लोगों के निगाह में बना रहेगा। --- जिले में है २६६७ परिषदीय विद्यालय आकड़ों पर गौर करें तो जिले में २६६७ प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय हैं। और लगभग ७७०० शिक्षक कार्यरत हैं। एक विद्यालय कम से कम पांच कमरे का होता है। ऐसे अगर एक कमरे में १० लोगों को रखा जाए तो एक विद्यालय में ५० लोगों को रखा जा सकेगा।
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