Tiktok banned in India:
भारत में बैन किए जाने के बाद अमेरिका में भी TikTok पर बैन की मांग की जा रही है। ऐसे में टिकटॉक की पैरंट कंपनी कंपनी के कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर को बदलने के बारे में विचार कर रही है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइटडांस मैनेजमेंट टिकटॉक के लिए अलग से नया मैनेजमेंट बोर्ड बनाने और इसके हेडक्वॉर्टर को चीन से बाहर ले जाने पर विचार कर रहा है।
यूजर्स के प्राइवेसी के कारण बैन का फैसला
पिछले दिनों जब भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप पर बैन का फैसला किया था, तो सरकार का कहना था कि ऐसा यूजर्स के प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए किया गया है। मतलब इन ऐप पर डेटा शेयरिंग का आरोप लगाया गया। हालांकि टिकटॉक की तरफ से लगातार यह दलील दी गई कि डेटा स्टोरेज सिंगापुर में किया जा रहा है। साथ ही चाइनीज गवर्नमेंट ने कभी भी डेटा शेयरिंग की बात नहीं की और ना ही कंपनी कभी ऐसा करेगी।
डेटा सिक्यॉरिटी पहली प्राथमिकता
इधर बाइटडांस मैनेजमेंट का कहना है कि हम यूजर्स के डेटा के साथ किसी तरह की छेड़खानी नहीं करते हैं और डेटा प्राइवेसी ऐंड सिक्यॉरिटी हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।
20 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स
भारत में टिकटॉक पर करीब 20 करोड़ रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। हर महीने करीब 12 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं। लॉन्च के बाद से अब तक भारत में इस ऐप को 66 करोड़ टाइम्स डाउनलोड किया जा चुका है। भारत में बाइटडांस ने 2000 से ज्यादा लोगों को नौकरी दी है।
बाइटडांस को सैकड़ों करोड़ का नुकसान
भारत में बैन के कारण कंपनी को सैकड़ों करोड़ का नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बैन के कारण टिकटॉक को कम से कम 6 अरब डॉलर का नुकसान होगा। डेटा सिक्यॉरिटी और डेटा प्राइवेसी के नाम पर संभव है कि आने वाले दिनों में कंपनी को दूसरे देशों में भी इसी तरह की घटना झेलनी पड़े। ऐसे में कंपनी ने समय रहते अपने लिए नए ठिकाने के विकल्प पर काम करना शुरू कर दिया है।
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