कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व और भविष्य को लेकर उठते सवाल को शांत करने के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को नाराज और वरिष्ठ नेताओं के साथ चार घंटे तक चर्चा की। बैठक में किसने क्या बात कही यह तो अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन यह जरूर बताया गया है कि भविष्य की रणनीति और पार्टी की मजबूती के लिए अब चिंतन शिविर लगाया जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नाराज नेताओं के रुख में अभी तक बदलाव नहीं आया है?
बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने कहा कि चर्चा के केंद्र में पार्टी को मजबूती प्रदान करना रहा। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष और वर्किंग कमिटी (CWC) सहित संगठन के चुनाव को लेकर प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है और सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) इस पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ''चुनाव की प्रक्रिया पहले से चल रही है। पार्टी के सामने एक अजेंडा है। CEA इस पर कर रही है।''
बंसल ने बताया कि सोनिया गांधी ने नेताओं से कहा कि सभी 'बड़े परिवार का हिस्सा' हैं और पार्टी को मजबूती देने के लिए काम करना चाहिए। बंसल ने कहा कि राहुल गांधी ने भी सोनिया की बातों को दोहराया। बंसल ने कहा कि अलग राय रखने वालों सहित किसी को भी राहुल गांधी के नेतृत्व के साथ कोई दिक्कत नहीं है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और 23 नेताओं के साथ खत लिखकर सवाल उठाने वालों में शामिल पृथ्वीराज चह्वाण ने मीडिया से कहा कि पंचमढ़ी और शिमला की तर्ज पर जल्द ही चिंतन शिविर लगाया जाएगा। बैठक सृजनात्मक रही और भविष्य में भी इस तरह का संवाद होगा।
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