हर साल 11 दिसंबर को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day) मनाया जाता है.
इस दिन का उद्देश्य पहाड़ों के संरक्षण और इसकी समृद्ध जैव विविधता के बारे में जागरुकता बढ़ाना है.
बर्फ से ढके हिमालय से लेकर हरे-भरे पहाड़ों तक, हर पहाड़ अपने तरीके से खास है और विभिन्न पशु, पक्षियों का घर है.
संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट के अनुसार, पहाड़ दुनिया की आबादी का 15% हिस्सा हैं और दुनिया की जैव विविधता के आकर्षण के केंद्र के आधे हिस्से की मेजबानी करते हैं.
इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस का विषय "पर्वतीय जैव विविधता" है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2002 को संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय पर्वत वर्ष घोषित किया और 11 दिसंबर को 2003 से अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस के रूप में नामित किया.
पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस 11 दिसंबर 2003 को मनाया गया था. तबसे हर साल यह एक विशेष विषय के साथ मनाया जाता है.
आबादी और जैव विविधता के अलावा पर्वत मानवता के आधे हिस्से को रोजमर्रा की जिंदगी के लिए ताजा पानी भी प्रदान करते हैं.
जलवायु परिवर्तन से पहाड़ पर बसने वाले लोगों का बचना मुश्किल हो गया है. बढ़ते तापमान ने भी पर्वतीय ग्लेशियरों को अभूतपूर्व दरों पर पिघला दिया है जिससे लाखों लोगों के ताजे पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है.
वैश्विक स्तर पर ये समस्याएं लगभग सभी को प्रभावित कर रही हैं. इस प्रकार इन प्राकृतिक धरोहरों की देखभाल करना बहुत जरूरी है.
बता दें, हाल ही में ये ऐलान किया गया था कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पिछले बार के मुकाबले 86 सेंटीमीटर बढ़ गई है. जिसका ऐलान चीन और नेपाल ने संयुक्त रुप से किया है. अब माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8848. 86 मीटर है
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