लखनऊ : केजीएमयू के डॉक्टरों ने एक किशोरी के हाथ में कान बनाकर उसे प्रत्यारोपित कर नया जीवन दिया है। केजीएमयू में यह ऑपरेशन प्री लेमिनेटेड फ्री फ्लैप तकनीक से सभव हुआ है। डॉक्टरों का दावा है कि इस तरह का ऑपरेशन पहली बार हुआ है।
दो वर्ष पहले एक बच्ची थ्रेशर की चपेट में आ गई। ऐसे में सिर की ऊपरी त्वचा (स्कैल्प) समेत सभी बाल उखड़ हो गए। साथ ही दायां कान भी धड़ से अलग हो गया। डॉक्टरों ने उसी त्वचा-कान काे दोबारा लगाया। मगर, ऑपरेशन कामयाब नहीं रहा। लिहाजा, बच्ची के हाथ पर छह माह में कान बनाया। उसके बाद अब चेहरे पर लगा दिया है। दावा है कि केजीएमयू में पहली बार प्री लेमिनेटेड फ्री फ्लैप सर्जरी की गई। किशोरी का ऑपरेशन मुख्यमंत्री राहत कोष से हुआ है।
केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. बृजेश कुमार मिश्रा बताते हैं कि वर्ष 2018 में गोंडा के 13 साल की किशोरी के बाल थ्रेशर में फंस गए। हादसे में सिर की ऊपरी त्वचा और दायां कान अलग हो गया था। ट्रॉमा सेंटर में किशोरी को देखने व कुछ जांच के बाद उखड़े कान व सिर की त्वचा को दोबारा प्रत्यारोपण की सहमति बनी। करीब छह घंटे ऑपरेशन हुआ लेकिन सफल नही हुआ। दोबारा ऑपरेशन कर त्वचा की लगायी।
हाथ पर बनाया कान
डॉ. ब्रजेश मिश्रा के मुताबिक तीसरी बार ऑपरेशन कर पसली की मुलायम हड्डी निकाली गई। इसकी मदद से हाथ की कलाई पर कान बनाया गया। करीब छह माह बाद हाथ से कान हटाकर चेहरे पर लगा दिया गया। यह सफल ऑपरेशन हाल में हुआ है। इस तकनीक का नाम प्री लेमिनेटेड फ्री फ्लैप सर्जरी दिया है।
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