फिलहाल भारत में कोरोना की स्थिति कंट्रोल में है, मगर नए स्ट्रेन के मामले ऐसे ही सामने आते रहे तो चिंता बढ़ना तय है, क्योंकि यह 70 फीसदी ज्यादा घातक और संक्रामक है। हालांकि, कई विशेषज्ञों ने इस बात पर भरोसा जताया है कि कोरोना की वैक्सीन इस नए वायरस पर भी असरदार साबित होगी। बता दें कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का पता सबसे पहले ब्रिटेन में लगा था, जिसके बाद कई देशों में यह फैल चुका है।
ये सभी परिणाम Indian Sars-CoV-2 Genomics Consortium (Insacog) की प्रयोगशालाओं द्वारा जारी किए गए पॉजिटिव सैंपल जीनोम अनुक्रमण पर आधारित हैं, जो केंद्र ने विशेष रूप से ब्रिटेन वाले वायरस की पहचान करने के उद्देश्य से बनाए हैं। ये सभी सैंपल देश में मौजूद 10 लैब में से सिर्फ 6 से हैं। अब तक सामने आए केसों में में बेंगलुरु के NIMHANS में 10, हैदराबाद के CCMB में तीन, पुणे के NIV में पांच, दिल्ली के IGIB में 11, NCDC में आठ मामले और कोलकाता के NCBG में के पॉजिटिव केस की पहचान हुई है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि कोरोना के नए वायरस की पहचान के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए देशभर में 10 लैब हैं, जिनमें से NIMHANS बेंगलुरु, NIBMG कोलकाता, ILS भुवनेश्वर, NIV पुणे, NCCS पुणे, CCMB हैदराबाद, CDFD हैदराबाद, InSTEM बेंगलुरु, IGIB दिल्ली, NCDC दिल्ली हैं।
गौरतलब है कि 25 दिसंबर से 23 दिसंबर के बीच देश के अलग-अलग एयरपोर्ट पर ब्रिटेन से करीब 33 हजार पैसेंजर्स आए हैं, जिनमें कोरोना के नए स्ट्रेन की पहचान के लिए इन लैबों में जांच चल रही है। इन सबको ट्रेस किया जा रहा है और आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए इनका सैंपल लिया जा रहा है। बता दें कि ब्रिटेन में नए वायरस से हाहाकार के बीच भारत सरकार ने 23 दिसंबर को ब्रिटेन आऩे और जाने वाली फ्लाइटों पर रोक लगा दी थी, जो अब तक जारी है।
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