सिद्धार्थनगर। कोविड-19 महामारी के दौर में जब देशवासी स्वास्थ्य और आर्थिक संकट से जूझ रहे थे वहीं, जिले में 1952 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आपदा को अवसर में बदल रही थीं। इन्होंने समूह के माध्यम से मास्क, सैनिटाइजर, ओटी ड्रेस एवं शू-कवर का निर्माण और आपूर्ति कर 87 लाख रुपये अर्जित कीं। इससे समूह के साथ ही महिलाएं भी आर्थिक रूप सशक्त हुईं।
कोरोना संक्रमण के शुरूआती दौर में बचाव एवं सुरक्षा के कारण लोग मास्क और सैनिटाइजर के लिए परेशान रहे लेकिन इनकी बाजार में उपलब्धता कम थी। इसी बीच जिले के विभिन्न स्थानों पर गठित समूह की महिलाओं ने सक्रिय होकर मास्क का निर्माण शुरू किया। समूह की महिलाओं ने 3,70,617 मास्क का निर्माण कर सरकार की तरफ से निर्धारित 20 रुपये प्रति मास्क की दर से बिक्री कर 74,12,340 रुपये अर्जित कीं। इसके साथ ही 80,494 मास्क निर्मित कर विभिन्न विभागों, पंचायतों एवं आमजन को सब्सिडी पर पांच रुपये प्रति मास्क की दर से ब्रिकी कर 4,02,470 रुपये अर्जित कीं। बिक्री से अर्जित 78,14,810 रुपये में लागत 9,46,118 रुपये निकाल कर इन्होंने 68,68,692 रुपये लाभ कमाए। महिला समूहों ने 5322 पीपीई किट तैयार कर 12,77,280 रुपये कमाए। 1280 लीटर सैनिटाइजर निर्मित कर 6.40 लाख रुपये और 200 ओटी ड्रेस व 500 शू-कवर तैयार 82 हजार रुपये आय अर्जित कीं। इस बाबत शेषमणि सिंह, उपायुक्त स्वरोजगार ने बताया कि मास्क, सैनिटाइजर आदि का निर्माण और बिक्री कर समूह की महिलाएं सशक्त और समृद्ध हुई हैं।
स्कूल ड्रेस से अर्जित कीं 80 लाख रुपये
समूह की महिलाओं ने 80989 स्कूल ड्रेस की सिलाई कर बिक्री करके 8098900 रुपये आय अर्जित कीं। इसके साथ ही सीआईबी बोर्ड बनाकर 10.85 लाख और समूह के पंजीकृत 85 सदस्यों ने 1.33 लाख रुपये बिजली बिल का भुगतान कराकर 4559 रुपये अर्जित किया। इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 24 कोटे की दुकानों का आवंटन समूह की महिलाओं को मिला है।
1819 समूहों को मिला रिवाल्विंग फंड
वर्ष 2020-21 में समूह गठन के निर्धारित लक्ष्य 5180 के सापेक्ष 1952 समूहों का गठन किया गया। इसी तरह रिवाल्विंग फंड के लिए निर्धारित लक्ष्य 3366 के सापेक्ष अब तक 1819 समूहों को रिवाल्विंग फंड निर्गत किया गया। इसमें 1601 समूहों को सामुदायिक निवेश निधि भी आवंटित किया गया। इसके साथ 375 समूहों को बैंक क्रेडिट लिंकेज कराया गया है। समूह की 150 महिलाओं का प्रशिक्षण कराया गया।
लक्ष्य के सापेक्ष समूह का गठन कर महिलाओं को सशक्त करने का कार्य किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के दौर में समूह की महिलाओं ने मास्क, सैनिटाइजर आदि बनाकर आय अर्जित की हैं, इससे समूह के साथ ही महिलाएं भी आर्थिक रूप से समृद्ध होंगी - पुलकित गर्ग, सीडीओ
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