केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलनरत हैं। सूबे में भी शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसानों को आदोलन करते हुए लगभग एक महीना होने को है। वहीं, अब किसान और गांव वाले आमने-सामने हो गए हैं।
शाहजहांपुर बॉर्डर पर 29 दिनों से हाईवे जाम करके आंदोलन कर रहे किसानों और आसपास के गांवों के ग्रामीणों के बीच कल रविवार शाम को टकराव हो गया। इसके बाद गाँववालों ने भी सड़क के दूसरी तरफ टेंट लगा दिया और वहीं बैठ गए। गांववालों को कहना है कि, जब से किसान आन्दोलन पर बैठे हैं, तब से हमारा रोजगार ठप हो गया है। किसान सुबह शाम शौच के लिए हमारे खेतों में जाते हैं और गंदगी करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि, किसानों के रोड जाम करने के कारण हाईवे से गुजरने वाले भारी व यात्री वाहन अब गाँव की सड़कों से निकलने लगे हैं, जिसके कारण गाँव में सड़के टूट गई हैं। वहीं, प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने हाईवे नहीं खोले जाने पर किसानों के खिलाफ आर-पार का मोर्चा खोलने का ऐलान किया।
जब किसान संगठनों ने इस बारे में कहा, भाजपा ग्रामीणों की आड़ में इन्हें भड़का रही हैं, ये भाजपा समर्थक हैं। किसानों ने कहा कि, हम दिल्ली जाना चाहते थे, वहीं अगर बात हाईवे जाम करने की है तो वह तो हरियाणा ने किया है। ग्रामीण अगर सच में परेशान हैं तो वे हरियाणा सरकार से गुहार लगाएं। आंदोलनरत किसानों व ग्रामीणों के टकराव की सूचना पर हरियाणा पुलिस ने मिलिट्री एवं पैरा मिलिट्री सहित करीब 1400 से अधिक सशस्त्र जवानों को तैनात किया। वहीं, राजस्थान पुलिस के 5 थानों समेत एसआई रैंक के आधा दर्जन से अधिक अफसरों को यहां लगाया गया।
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