देश में गहराते बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा के संकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने बुधवार को सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी कर पक्षियों की संदिग्ध मौत पर नजर रखने को कहा है। केंद्र सरकार ने यह भी पुष्टि की है कि बर्ड फ्लू देश के चार राज्यों में फैला है। जानिए, बर्ड फ्लू को लेकर अभी तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं और किस राज्य में क्या स्थिति है:
केरल (अधिकतर पोल्ट्री), हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में हजारों की संख्या में पक्षियों की मौत हुई। इसकी शुरुआत दिसंबर महीने के आखिर में हुई थी।
दूसरी जगहों से उड़कर आने वाले पक्षियों को इस बर्ड फ्लू का कारण माना जा रहा है।
सरकार ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए नई दिल्ली में एक कंट्रोल रूम बनाया है।
अकेले हरियाण के पंचकूला में ही बीते 20 दिनों में 4 लाख के करीब पक्षी मर चुके हैं।
उत्तराखंड के देहरादून में भी 3 कौवों के इसी फ्लू के कारण मरने की आशंका है। हालांकि, अभी इनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
झारखंड, गुजरात में भी अलर्ट जारी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल के दो एपिकसेंटरों के अलावा हरियाणा के पंचकूला में भी विशेष टीमों को तैनात किया है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा संकट H5N8 वायरस की वजह से हुआ है। हालांकि, दुनियाभर में कई और स्ट्रेन भी पक्षियों की मौत का कारण बन रहे हैं। बीते हफ्तों में यूरोप के कई हिस्सों में भी पक्षियों की मौत के मामले देखे गए हैं। आशंका है कि जंगली पक्षी इस फ्लू को फैला रहे हैं।
पक्षियों के इन्फ्लूएंजा का H5N1 और H5N8 दोनों स्ट्रेन बीमारी पैदा कर सकते हैं, लेकिन ये मानव शरीर को संक्रमित नहीं करते।
बीते साल 30 सितंबर को भारत ने खुद को पक्षियों के इन्फ्लूएंजा से मुक्त घोषित किया था और उसके कुछ महीनों बाद ही यह संकट गहरा गया है। भारत में पहली बार साल 2006 में बर्ड फ्लू फैला था।
सरकार ने बर्ड फ्लू के 12 एपिकसेंटर की पहचान की है। ये हैं: राजस्था के बारन, कोटा, झालावाड़, मध्य प्रदेश के मंदसौर, इंदौर और मालवा, हिमाचल प्रदेश का कांगड़ा और केरल का कोट्टायम-अलेप्पी।
बुधवार को केरल के कोट्टायम और अलेप्पी में 69 हजार से ज्यादा पक्षियों (बत्तख और मुर्गा-मुर्गी सहित) को नष्ट किया गया।
केरल ने बर्ड फ्लू को राज्य आपदा घोषित कर दिया है और पक्षियों को नष्ट करने के साथ ही स्थिति पर नजर रखने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीमों को तैनात किया है।
मध्य प्रदेश ने दूसरे राज्यों से पोल्ट्री उत्पाद की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
हिमाचल प्रदेश ने देहरा, फतेहपुर, जावली और इंदौरा इलाकों में पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री और निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है।
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