दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने के चार दिन बाद भारत ने अपने पड़ोसी देश भूटान और मालदीव को कोरोना वैक्सीन की पहली खेप भेजी। अब यह वैक्सीन भूटान पहुंच गई है जहां खुद पीएम लोते शेरिंग इसका स्वागत करने गए। भारत ने भूटान को डेढ़ लाख और मालदीव को एक लाख टीके भेजे हैं। भूटान के पीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ तस्वीरें साझा की गई हैं, जिनमें कोरोना टीकों के कंसाइनमेंट के साथ वह भी दिख रहे हैं। \
भूटानी पीएम लोते शेरिंग के मुताबिक, भारतीय वायुसेना का विमान स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 3 बजकर 25 मिनट पर राजधानी पारो में लैंड हुआ। प्रेस रिलीज में पीएम शेरिंग की तरफ से खुशी जाहिर की गई है कि भूटान भारत का तोहफा पाने वाला पहला देश बन गया है।
An AN32 glided its way into the Paro valley around 3.25 pm today, ferrying Bhutan's first consignment of COVID-19 vaccine https://t.co/kwsfUUsjov pic.twitter.com/G4GTTugyVn
सुबह मुंबई से भूटान के लिए स्पाइसजेट का एक विमान डेढ़ लाख टीके और दोपहर में मालदीव के लिए एक लाख टीके लेकर एयर इंडिया का एक विमान रवाना हुआ था। ये कोविशील्ड टीके सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे स्थित कारखाने में बनाए गए हैं।
भारत ने भूटान को कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए शुरू से ही मदद दी है। भारत ने करीब दो करोड़ 80 लाख रुपए की पैरासीटामॉल, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पीपीई किट, एन-95 मास्क, एक्सरे मशीन और टेस्ट किट भूटान को उपलब्ध कराए हैं। भारत ने वंदे भारत मिशन के तहत विभिन्न देशों में फंसे भूटान के दो लाख से अधिक नागरिकों को स्वदेश पहुंचाया है।
भारत ने भूटान सरकार के अनुरोध पर कोरोना काल में व्यापार और पारगमन को सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें टर्शा टी गार्डन (भारत) और अहले (भूटान) के माध्यम से एक नया व्यापार मार्ग खोलना शामिल है। सूत्रों के मुताबिक, नागराकाटा, अगरतला और पांडु और जोगीघोपा नदी के नए बंदरगाह जल्द ही चालू होंगे।
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