पूर्वांचल के लोक आस्था का लोकप्रिय मेला, खिचड़ी मेला गुरुवार से शुरू हो गया। हालांकि ये मेला नए साल के प्रथम दिन से ही चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीठाधीश्वर के रूप में गोरखनाथ मंदिर में भोर में ही गुरु गोरखनाथ को आस्था की खिचड़ी चढ़ाकर परंपरागत रूप से मनाई जाने वाली मकर संक्रांति की शुरआत की। खिचड़ी चढ़ाने के बाद मंदिर के भ्रमण पर निकले गोरक्षपीठाधीश्वर ने लोगों को मकरसंक्रांति पर्व की शुभकामनाएं भी दी।
गुरुवार को ब्रह्ममुहुर्त में गोरक्षपीठाधीश्वर ने मकर संक्रांति पर परंपरागत पूजन अर्चन किया। इसके बाद गोरक्षपीठ एवं नेपाल नरेश की ओर से खिचड़ी चढ़ाई गई। परंपरानुसार नेपाल राजपरिवार से गोरखनाथ मंदिर में हर साल चढ़ाने के लिए खिचड़ी आती है। फिर आमजन के खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ। इसी के साथ सवा महीना तक चलने वाले गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेला का शुभारंभ किया गया।
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए 48 घंटे पहले से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। दूरदराज से आए श्रद्धालु मंदिर में देर रात से ही लाइन लगाना शुरू कर दिए थे। भोर तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु लाइन में खड़े हो खिचड़ी चढ़ाने केलिए अपनी बारी आने का इंतजार करने लगे। गुरुवार की भोर में 4 बजे गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने परंपरागत पूजन अर्चन कर खिचड़ी चढ़ाई इसके बाद आमजन ने खिचड़ी चढ़ानी शुरू कर दी जो सिलसिला अनवरत जारी है।
मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने वालों की आ रही भीड़ को देखते हुए पूरे शहर में यातायात परिवर्तन किए गए हैं। शहर और मंदिर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस-पीएसी तैनात की गई है। पुलिस व प्रशासनिक आला अफसर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी की जा रही है। पुलिस व प्रशासनिक टीम के अलावा तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता व मंदिर से जुड़े लोग श्रद्धालुओं की मदद को लगे हुए हैं।
पूरे दिन चलेगा भंडारा, प्रसाद के रूप में खिलाई जाएगी खिचड़ी
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रसाद स्वरुप खिचड़ी खिलाने की परंपरा है। शुद्ध देशी घी में बनी खिचड़ी सबको पूरे दिन परोसा जाएगा। आम हो या खास खिचड़ी खाने मंदिर हर साल यहां आता है।
पड़ोसी देश नेपाल के अलावा कई प्रदेशों के श्रद्धालु आते
गोरखनाथ मंदिर के सुप्रसिद्ध खिचड़ी मेला में हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार आदि प्रदेशों के साथ नेपाल तक के श्रद्धालु यहां खिचड़ी चढ़ाने आते हैं। आस्था, परम्परा और उत्साह के संगम वाले इस मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए कई महीने पहले से ही मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन जुटा हुआ है।
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