दो सत्र से परिषदीय स्कूलों को मिनी लाइब्रेरी विकसित करने के लिए पैसा जारी हो रहा है। इसके बाद भी स्कूलों ने मिनी लाइब्रेरी तैयार नहीं की हैं। अब युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर 27 जनवरी तक स्कूलों में लाइब्रेरी कार्नर के रूप में मिनी लाइब्रेरी शुरू की जाएंगी। अभियान में छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा।
बच्चों में अपने पाठ्यक्रम से इतर पढ़ने की रुचि विकसित करने के लिए स्कूलों में मिनी लाइब्रेरी खोले जाने की योजना बनी थी। प्राइमरी स्कूलों के लिए पांच हजार रुपये और जूनियर हाई स्कूलों के लिए 10 हजार रुपये भेजे गए थे। लगभग 2900 स्कूलों में से गिनती के स्कूलों ने ही अपने यहां मिनी लाइब्रेरी तैयार की। अधिकतर ने किताबें ही नहीं खरीदी। तमाम ने खरीदने के बाद उनको बक्से में बंद करके रख दिया। अब विभाग युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर मिनी लाइब्रेरी को शुरू कराने जा रहा है। इसके लिए सभी एआरपी और संकुल शिक्षकों को भी जिम्मेदारी दी गई है। स्टेट रिसर्च ग्रुप के सदस्य अनिल चौबे ने बताया कि प्रधानाध्यापक और कम से कम एक सहायक अध्यापक तथा अलग-अलग कक्षाओं के पांच छात्र-छात्राओं की टीम बनाने का निर्देश दिया गया है। टीम अगले तीन दिन में स्कूल में उपलब्ध पुस्तकों की सूची तैयार करेगी।
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